तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति ने 2002 दंगा पीड़ितों की मदद के लिए अपने एनजीओ को मिले 9.75 करोड़ रुपयों में से 3.85 करोड़ रुपये निजी कार्यों में खर्च किए। इस बात का दावा गुजरात पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में किया है।
गुजरात पुलिस का कहना है कि उनके पास खर्चे को लेकर सबूत है। अपने 83 पन्नों के ऐफिडेविट में एसीपी राहुल पटेल ने कोर्ट को इस बारे में विस्तार से जानकारी दी है। कोर्ट में राहुल पटेल ने कहा कि सीतलवाड़ और उनके पति जावेद आनंद के साथ-साथ उनके ट्रस्ट ने शिकायतों की जांच के लिए जरूरी दस्तावेज मुहैया कराने में बिल्कुल मदद नहीं की।
ऐफिडेविट में इस बात का जिक्र किया गया है कि पुलिस ने गुलबर्ग सोसायटी के दंगा पीड़ितों की उन शिकायतों की जांच के लिए जरूरी दस्तावेज मांगे थे जिनमें सीतलवाड़ और उनके पति पर आरोप लगाया गया था कि उनके पास चंदे की राशि जमा हो गई।
पुलिस ने कोर्ट में कहा कि सीतलवाड़ और उनके पति दोनों ने ही दंगा पीड़ितों को मदद से मुकर गए।
Source : News Nation Bureau