गुरुग्राम में खुले में नमाज पढ़ने की प्रवृत्ति पर राजनीतिक पारा लगातार चढ़ता जा रहा है. बीते दिनों इस पर रोक लगाने की बात कह चुके सीएम मनोहर लाल खट्टर ने एक बार फिर तीखा बयान दिया है. उन्होंने विधानसभा में कहा कि किसी भी समुदाय के किसी भी सदस्य को सार्वजनिक स्थान पर धार्मिक प्रार्थना नहीं करनी चाहिये. उनका यह बयान गुरुग्राम में खुले में जुमे की नमाज को लेकर कुछ हिंदूवादी संगठनों के विरोध की पृष्ठभूमि में आया है. विधानसभा में शून्यकाल के दौरान नूंह से कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने हिंदू संगठनों द्वारा की जा रही आपत्ति का मुद्दा उठाया था.
इसका जवाब देते हुए सीएम खट्टर ने कहा कि सभी धर्मों के लोग निर्धारित धार्मिक स्थानों जैसे मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च में प्रार्थना करते हैं और सभी बड़े त्योहारों तथा कार्यक्रमों के लिये खुले में अनुमति दी जाती है. अहमद द्वारा उठाए मुद्दे पर खट्टर ने कहा, लेकिन ताकत दिखाना, जिससे दूसरे समुदाय की भावना भड़कती है, वह उचित नहीं हैं. गौरतलब है कि शुक्रवार से हरियाणा विधानसभा का शीतकाली सत्र शुरू हुआ है और यह दूसरी बार है जब इस मुद्दे को उठाया गया है.
मुख्य विपक्षी पार्टी के सदस्य ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा, कुछ तत्व लगातार जुमे की नमाज को बाधित कर रहे हैं. संविधान ने सभी को अपने धर्म के पालन की अनुमति दी है. किसी को भी प्रार्थना बाधित करने का अधिकार नहीं है. गुरुग्राम में हजारों करोड़ रुपये का निवेश किया गया है और शहर विकास का प्रतीक है. अगर कोई अपनी इच्छा से प्रार्थना नहीं कर पाएगा को क्या संदेश जाएगा? इसपर हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, किसी भी समुदाय के सदस्य को खुले स्थान पर ऐसे कार्यक्रम नहीं करने चाहिए. अगर वे करना चाहते हैं तो मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च में कर सकते हैं. यह सभी की जिम्मेदारी है कि शांतिपूर्ण माहौल कायम रहे और समाज में कोई टकराव न हो.
HIGHLIGHTS
- सभी धर्मावलंबी तय स्थलों पर करें इबादत
- दूसरे समुदाय की होती हैं भावनाएं आहत
- माहौल में शांति बनाए रखना सभी का जिम्मा