पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम इमरान खान और उनकी सेना संभवतः अकल से पैदल हो गई है. एक तरफ तो वे अपनी नापाक जमीं से आतंक के वित्त पोषण से लेकर उसे समर्थन देने के तथ्यों को सिरे से खारिज करते हैं. दूसरी तरफ आतंकी राक्षसों कोवह सब करने की छूट देते हैं, जो भारत के लिए तकलीफदेह बन सके. स्थिति यह है कि पाकिस्तान मुंबई पर हुए हमलों में अपनी या समर्थित आतंकी संगठनों की साजिश से सिरे से इंकार करता आया है. यह अलग बात है कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन जमात-उद-दावा ने मुंबई हमले में मारे गए 10 आतंकियों के लिए आज एक विशेष प्रार्थना सभा रखी है.
जमात उद दावा का है आयोजन
अंग्रेजी अखबार 'हिंदुस्तान टाइम्स' में खुफिया सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि मुंबई हमले के 12 साल बाद पाकिस्तान के पंजाब के साहीवाल में यह सभा होगी. जमात-उद-दावा पाकिस्तान में स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का राजनीतिक चेहरा है. दावा की तरफ से आतंकियों को फरमान जारी कर इस कार्यक्रम में जुटने को कहा गया है. कुख्यात आतंकी हाफिज सईद जमात-उद-दावा का सरगना है. यह स्पेशल मीटिंग जमात की मस्जिदों में होगी. इसमें 2008 में मुंबई हमले में 170 लोगों का कत्लेआम करने वाले आतंकियों के लिए प्रार्थना की जाएगी.
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सईद पर है 10 मिलियन डॉलर का इनाम
बता दें कि मुंबई हमले में 9 आतंकियों को ढेर कर दिया गया था, जबकि एक आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया था. कसाब को बाद में सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उसे फांसी पर लटका दिया गया था. भारत ने पूरी दुनिया के सामने सबूत पेश कर हाफिज सईद को मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड बताया था. सईद पर संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने 10 मिलियन डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है.
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घाटी में अलगाववाद बढ़ाने की मंशा
पाकिस्तानी डीप स्टेट की शह पर जमात-उद-दावा ने जेके यूनाइटेड यूथ मूवमेंट नाम से एक राजनीतिक फोरम भी शुरू किया है ताकि जम्मू और कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों को मदद पहुंचाई जा सके. ऐसा करने की जरूरत इसलिए पड़ रही है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को घेरने की पाकिस्तानी चालें कामयाब नहीं हुईं. खुफिया इनपुट्स के मुताबिक, लश्कर का चीफ ऑपरेशन कमांडर और उसकी जिहाद विंग संभालने वाला जकी-उर-रहमान लखवी पिछले दिनों हाफिज सईद से मिला था. यह मुलाकात सईद के लाहौर वाले घर पर हुई. मीटिंग में जिहाद के लिए आर्थिक सहायता करने से जुड़ी बातें हुईं.
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जिहाद के लिए चंदा जुटाने की मुहिम
जमात के लोगों ने 13 नवंबर को गुजरांवाला के मरकज अक्सा में करीब 70 कारोबारियों से मुलाकात की थी. उनसे कहा गया कि वे कश्मीर में जिहाद के लिए मदद करें. खुफिया इनपुट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अलग-अलग जगहों पर ऐसी कई मुलाकातें प्लान की गई हैं. जमात/लश्कर पाकिस्तानी जमीन से पैसा इकट्ठा कर कश्मीर में मुसीबत खड़ी करना चाहते हैं, यह बात साफ है. लाहौर में जमात के कैडर की एक मीटिंग 26 फरवरी को हुई थी. इसमें सईद ने आतंकवादियों से कहा कि जमात के नेताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमों से परेशान न हों. 19 नवंबर को पाकिस्तान की एक अदालत ने सईद और उसके दो खास लोगों को आतंकी फंडिंग के मुकदमे में कुल साढ़े 10 साल जेल की सजा सुनाई थी.