भारत की जल, थल और वायु तीनों सेनाओं के लिए लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर बनाने वाली सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के कर्मचारी सोमवार से अनिश्चिकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं. कर्मचारियों के भत्तों में संशोधन समेत मांगों को लेकर प्रबंधन से वार्ता विफल रहने के बाद यह फैसला लिया गया. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने हड़ताल को टालने के सभी प्रयासों के विफल होने के बाद कर्मचारियों ने अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय किया है.
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कुछ शर्तें मानी गई
कर्मचारियों के प्रतिनिधि संगठनों से बातचीत में एचएएल ने कैफेटेरिया-एलाउंस बढ़ाकर 22 प्रतिशत तक कर दिया है. इसके अलावा एचएएल ने फिटमेंट एलाउंस भी 11 प्रतिशत तक करने की पेशकश की है, लेकिन कर्मचारी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं, एचएएल कर्मचारी संघों के एक शीर्ष निकाय ने कहा कि प्रबंधन ने उनकी उचित और वाजिब मांगों पर विचार करने से इनकार कर दिया है, कर्मचारी संगठनों ने एचएएल के सभी केंद्रों को नोटिस भेजकर एक जनवरी 2017 से भत्तों के पुनर्निर्धारण की मांग के समर्थन में 14 अक्टूबर से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने का निर्देश दिया है,
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देश भर में 16 प्लांट और 30000 से ज्यादा कर्मचारी
एशिया की सबसे बड़ी रक्षा क्षेत्र की पब्लिक सेक्टर यूनिट के तौर पर अपनी पहचान रखने वाली एचएएल के देशभर में 16 मैन्युफैक्चिरिंग प्लांट हैं. इसके साथ ही नौ रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर्स भी हैं जिनमें 30 हजार से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं. एचएएल की ये यूनिट बेंगलुरु, हैदराबाद, नासिक, कानपुर, इलाहाबाद, लखनऊ और कोरापुट में हैं. एचएएल की कॉरपोरेट हेडक्वार्टर भी बेंगलुरु में ही है. एचएएल देश की सेनाओं (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) के लिए स्वदेशी लड़ाकू विमानों से लेकर हेलीकॉप्टर्स और एयरोनॉटिकल इंजन तैयार करती है.
HIGHLIGHTS
- उचित और वाजिब मांगों को नहीं मानने से भड़के कर्मचारी संगठन.
- एचएएल में 30 हजार से ज्यादा कर्मचारी हैं कार्यरत.
- कर्मचारी सोमवार से अनिश्चिकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं.