पश्चिम बंगाल और बिहार में रामनवमी के मौक़े पर भड़की सांप्रदायिक हिंसा को लेकर केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर ने कहा है कि राज्यों में क़ानून-व्यवस्था की ज़िम्मेदारी और नागरिकों की सुरक्षा राज्य सरकार के ज़िम्मे होती है। इसलिए वहां की सरकार की ज़िम्मेदारी है कि वो निष्पक्ष रहते हुए अपने सभी नागरिकों की सुरक्षा करे।
बता दें कि आसनसोल के रानीगंज में सोमवार को रामनवमी जुलूस के दौरान दो समूहों के बीच हिंसा भड़क उठी थी। इस दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि पुलिस उपायुक्त को एक हाथ गंवाना पड़ा।
रामनवमी जुलूस के दौरान कई घरों व दुकानों में तोड़फोड़ व आगजनी की गई जिससे तनाव फैल गया। पुलिस ने इस मामले में 19 लोगों को गिरफ्तार किया है। आसनसोल के सभी संवेदनशील इलाक़ों मे शुक्रवार को भी 144 लागू है।
It is State govt's duty to maintain law & order, people expect security from it. Govt should be impartial & give protection to all: Hansraj Ahir, MoS Home, on violence in West Bengal & Bihar pic.twitter.com/iiRDbUGA1m
— ANI (@ANI) March 30, 2018
प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस हमले को लेकर इशारों में बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, 'क्या राम रावण से तलवार से लड़े थे? यह मायने नहीं रखता कि हिंसा का शिकार हिंदू हो रहा है या मुसलमान। पीड़ित मेरे लिए केवल इंसान हैं। लोगों को तलवार लहराकर डर पैदा करने का कोई अधिकार नहीं है। ये राम की छवि को धूमिल कर रहे हैं।'
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वहीं बिहार की बात करें जहां बीजेपी-जेडीयू गंठबंधन की सरकार है पिछले एक हफ़्ते में तीन ज़िलों (भागलपुर, औरंगाबाद और नवादा) में रामनवमी के नाम पर दो समुदायों के बीच कई जगह से हिंसक झड़प, आगजनी और पथराव की ख़बर आई है।
हिंसा की शुरुआत बिहार के भागलपुर जिले के नाथनगर में हिंदू नववर्ष जुलूस के दौरान हुई जब किसी बात को लेकर दो समुदायों के बीच तनातनी हुई बाद में पथराव होने लगा।
पुलिस ने आशंका जताई कि जुलूस में शामिल कुछ लोगों ने 'भड़काऊ' नारे लगाए जिसकी वजह से हिंसा भड़की। बीजेपी हालांकि इन आरोपों को खारिज कर रही है।
उपद्रव मामले में पुलिस ने केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री और बक्सर क्षेत्र के सांसद अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
वहीं औरंगाबाद के नवाडीह कॉलोनी में रविवार शाम को रामनवमी के मौके पर निकाली गई शोभायात्रा के दौरान दंगाईयों ने 20 से अधिक दुकानों को आग के हवाले कर दिया और पत्थरबाजी की।
इसके बाद दोनों समुदायों की तरफ से हथियार चलाए गए और पत्थरबाजी की गई, जिसमें कई लोगों के घायल होने की खबर है। इस मामले में पुलिस ने अब तक 150 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है।
इसके अलावा नवादा में भी एक मूर्ति तोड़ने को लेकर दो समुदायों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। जिस देखते हुए शुक्रवार को सभी संवेदनशील इलाक़ों में सुरक्षाकर्मी तैनात किये गए हैं। ताज़ा जानकारी के मुताबिक इस इलाक़े की इंटरनेट सेवा भी ठप कर दी गई है।
बता दें कि आम तौर पर सांप्रदायिक हिंसा के ख़िलाफ कड़े तेवर अपनाने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहली बार चुपचाप नज़र आ रहे हैं और बिहार में सांप्रदायिक हिंसा आग की तरह फैलती जा रही है।
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Source : News Nation Bureau