केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन जारी है. पिछले 6 दिन से हजारों की संख्या में किसान दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं. कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों को कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल समर्थन दे रहे हैं. अब केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के अंदर से भी विरोध की आवाज उठने लगी है. कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए एनडीए के सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है.
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राजस्थान के नागौर से सांसद और आरएलपी के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने कृषि कानूनों को वापस की मांग के साथ गठबंधन को लेकर चेतावनी भी दी है. उन्होंने कहा कि अगर कृषि बिलों को वापस नही लिया गया तो एनडीए के साथ गठबंधन रखने के निर्णय पर पुनर्विचार किया जाएगा. पत्र में हनुमान बेनीवाल ने लिखा, 'भीषण सर्दी और कोरोना काल में देशभर में अन्नदाता आंदोलन कर रहा है, जो शासन के लिए शोभनीय नहीं है.'
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हनुमान बेनीवाल ने पत्र में लिखा, 'आंदोलित किसानों को वार्ता के लिए दिल्ली में उनकी मंशा के अनुरूप उचित स्थान दिया जाए और उक्त तीनों बिलों को वापस लेते हुए किसान हित में स्वामीनाथन आयोग की संपूर्ण सिफारिशों को लागू किया जाए.' उन्होंने आगे लिखा, 'अगर इस बारे में त्वरित प्रभाव से निर्णय नहीं लिया गया तो किसान हित को मद्देनजर रखते हुए एनडीए के साथ गठबंधन रखने के निर्णय पर पार्टी द्वारा पुनर्विचार किया जाएगा, क्योंकि किसान व जवान ही आरएलपी की ताकत हैं.'
Source : News Nation Bureau