भारत में आतंक फैलाने को लेकर पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।
मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के साथ खालिस्तानी आतंकी की सामने आई तस्वीर ने भारत के खिलाफ पाकिस्तान की धरती पर रची साजिश को बेनकाब कर दिया है।
पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और जमात-उद-दावा खालिस्तानी आतंकवाद को भड़काने में लगा हुआ है, जिसकी पुष्टि गोपाल सिंह चावला के लाहौर में हाफिज सईद से मिलने की तस्वीर सामने आने के बाद हुई है।
आतंकी सरगना गोपाल सिंह चावला की वजह से ही पाकिस्तान ने बीते 14 अप्रैल को वैसाखी डे के मौके पर भारतीय राजनयिक अधिकारयों को पंजा साहिब गुरुद्वारा में जाने से रोक दिया था।
इससे पहले 12 अप्रैल को भी अधिकारियों को वाघा बॉर्डर पहुंचे सिख श्रद्धालुओं से मिलने से रोक दिया गया था। वाघा भारतीय सीमा खत्म होने के बाद पाकिस्तान का पहला रेलवे स्टेशन है।
पाकिस्तान स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारी हर साल की तरह भारतीय श्रद्धालुओं से मिलना चाह रहे थे ताकि उन्हें वहां किसी तरह की दिक्कत न हो और विषम परिस्थिति में मदद कर सकें।
खालसा पंथ के 320 वें जन्म दिवस के मौके पर वैशाखी के दिन 1800 सिख श्रद्धालु पाकिस्तान में तीर्थ स्थल पर पहुंचे थे। भारतीय श्रद्धालुओं की यह तीर्थयात्रा भारत और पाकिस्तान के बीच धार्मिक यात्राओं के लिए हुए समझौते के तहत होती है।
भारत विरोधी अभियान के तहत गुरुद्वारा पंजा साहिब के परिक्रमा के दौरान पाकिस्तान में सिख जनमत संग्रह 2020 के पोस्टर भी लगाए गए थे, जिसका भारत ने जोरदरा विरोध किया है।
यहां तक भारतीय उच्चायुक्त बिसारिया को भी पंजा साहिब गुरुद्वारा जाने से रोक दिया गया था।
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भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पाकिस्तान सरकार ने जो किया है यह वियना कन्वेंशन का घोर उल्लंघन है।
गौरतलब है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आतंकी संगठनों की मदद से भारत को अस्थिर करने की कोशिश करता रहा है।
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Source : News Nation Bureau