एयर बेस पर क्रॉस बॉर्डर गोलीबारी और मिसाइल के हमलों से वायुसेना के लड़ाकू विमानों को बचाने के लिए सरकार ने 110 मजबूत शेल्टर बनाने के लिए हरी झंडी दे दी है. यह शेल्टर चीन और पाकिस्तान सीमा के करीब बनाये जाएंगे. सरकारी सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार ने 110 मजबूत शेल्टर बनाने की अनुमति दे दी है. इन शेल्टर को 'ब्लास्ट पेन' भी कहा जाता है. ब्लास्ट पेन दुश्मनों के मिसाइल या बम अटैक से वायुसेना के लड़ाकू विमानों को सुरक्षित बनाने का काम करेगा. इन विमानों में सुखोई-30 भी शामिल होगा.
मजबूत शेल्टर बनाने के लिए ब्लास्ट पेन प्रोजेक्ट में करीब पांच हजार करोड़ खर्च होंगे. एयर बेस पर चरणों में इसका निर्माण किया जाएगा. सूत्रों ने कहा कि मजबूत शेल्टर बनने से बल सुखोई जैसे भारी-भरकम वायुसेना के विमान फ्रंट लाइन पर बिना नुकसान पहुंचे खड़े रहेंगे. इस सुविधा के न होने के कारण पाकिस्तान बॉर्डर पर ऑपरेशन के दौरान फ्रंटलाइन एयरक्राफ्ट को पीछे रखना पड़ता था.
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बता दें कि 27 फरवरी को पाकिस्तान ने भारतीय ठिकानों पर हमला किया था. 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान का विमान भारतीय सीमा में घुस गया था. मालूम हो कि 1965 में पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना के कई विमान क्षतिग्रस्त हो गए थे. 1965 के बाद से ही लड़ाकू विमानों को बचाने के लिए सीमा पर इस तरह के शेल्टर्स का निर्माण किया जा रहा है, ताकि सीमापार दुश्मनों के हमलों से बचा जा सके. यह शेल्टर्स कंक्रीट की बेहद मोटी दीवार के बने होते हैं, जो बड़े हमलों से लड़ाकू विमानों को बचाते हैं.
Source : News Nation Bureau