पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने बुधवार को अपने 19 दिन लंबी भूख हड़ताल समाप्त कर दी। समुदाय के तीन नेताओं ने नींबू पानी, नारियल पानी और पानी पिलाया। 25 वर्षीय नेता गत 25 अगस्त से ही अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालिन भूख हड़ताल पर थे। पटेल ने किसानों की कर्ज माफी, सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में पटेल समुदाय के आरक्षण और देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद अल्पेश कटारिया को रिहा करने की मांग रखी थी।
उन्होंने भूख हड़ताल को समाप्त करने के बाद कहा, 'यह केवल आप सभी बड़ों के सम्मान में है।' उन्होंने कहा, 'सभी को यह दिखाने के लिए कि आप हमारे बड़े हैं और हम आपका आदर करते हैं, हम संगठित हैं। अब हमारे समुदाय के बड़े मेरे साथ हैं, मुझे कुछ भी चिंता करने और डरने की जरूरत नहीं है।' पटेल ने कहा, 'विश्वास यह था कि अगर हम जिंदा रहे, हम लड़ेंगे और अगर हम लड़ेंगे, तो हम जिंदा रहेंगे।'
उन्होंने कहा, 'अगर कोई बोलता है, तो उसे देश-विरोधी करार दिया जाता है और अगर कोई नहीं बोलता है तो उसे बेवकूफ समझकर खारिज कर दिया जाता है। मुझे लगता है कि देश-विरोधी कहलाना और चुप्पी साधने के स्थान पर अधिकारों के लिए लड़ना बेहतर होगा।'
पटेल ने कहा, 'मैं घोड़ा हूं। मैं थकने वाला नहीं हूं। मैं 19 दिन के अनशन के बाद रिचार्ज हो गया हूं और यह अगले 19 वर्षो के लिए दौड़ने का समय है।'
यहां इस अवसर पर खोडलधाम और उमियाधाम के नेता मौजूद थे, जोकि गुजरात में लेऊवा और कड़वा के शीर्ष धार्मिक स्थान हैं। खोडलधाम के नेता नरेश पटेल ने कहा, 'अगर हार्दिक यहां है, हमारे पास सबकुछ होगा। अगर हार्दिक यहां नहीं होंगे, तो कुछ भी नहीं होगा।'
उमियाधाम संस्थान के नेता सी.के. पटेल ने कहा कि यह 'स्वर्णिम' दिन है। हमारे एक युवा ने नेताओं के आग्रह पर 19 दिन लंबी भूख हड़ताल खत्म करने का फैसला किया है।
सी.के. पटेल ने कहा, 'हमने राज्य सरकार को ज्ञापन पहले ही सौंप दिया है और हम उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं। इसमें समय लग सकता है लेकिन हमें जवाब मिलेगा।'
Source : IANS