हरियाणा भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (हरेरा) ने मंगलवार को एक प्रोजेक्ट में देरी के लिए सना रियल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ तीन करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. प्राधिकरण ने रियल एस्टेटर्स को एक फोरेंसिक ऑडिटर नियुक्त करने का आदेश दिया है. अब स्वीकृत बिल्डिंग प्लान में संशोधन के बिना विभिन्न इकाइयों के क्षेत्रफल में बदलाव करने के संबंध में जांच के लिए फोरेंसिक ऑडिट किया जाएगा.
प्रमोटर को प्राधिकरण के समक्ष सभी दस्तावेजों के साथ पेश होने के लिए वारंट जारी करने का आदेश दिया गया है. बिल्डर गुरुग्राम के सेक्टर 67 में एक आवासीय परियोजना विकसित कर रहा है. आवंटियों द्वारा शिकायत मिलने के बाद प्राधिकरण द्वारा कार्रवाई शुरू की गई. यह निर्णय हरेरा गुरुग्राम के चेयरमैन डॉ. केके खंडेलवाल की अध्यक्षता में लिया गया. सुनवाई के दौरान हरेरा पीठ के सदस्य समीर कुमार व सुभाष चंद कुश भी मौजूद रहे.
प्राधिकरण ने आवंटियों को वास्तविक पजेशन (कब्जा) मिलने तक देरी के लिए यह जुर्माना लगाया है. इसके अलावा प्राधिकरण ने प्रमोटरों के नाम वारंट जारी करने का आदेश देते हुए उन्हें दस्तावेजों के साथ पीठ के समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा है. पीठ ने आदेश के दौरान कहा कि नोटिस दिए जाने के बावजूद प्रमोटर अभी तक प्राधिकरण के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुआ है. मेसर्स सना रियल्टर्स के खिलाफ प्राप्त शिकायतों की सुनवाई के दौरान हरेरा पीठ ने पाया कि प्रमोटर और आवंटियों के बीच बिल्डर-बायर्स एग्रीमेंट वर्ष 2010-11 में हुए थे. इसके अनुसार पजेशन 2013-14 में दिया जाना था. लेकिन अभी तक प्रमोटर ने पजेशन नहीं दिया है.
Source : IANS