तूतीकोरिन में जारी हिंसा और तनाव के बाद पहली बार केंद्र सरकार के तरफ से बयान आया है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि हमलोग निश्चित रूप से देखेंगे कि हकीकत में वहां क्या हो रहा है।
हर्षवर्धन ने कहा, 'हमने तूतीकोरिन के बारे में अखबारों में पढ़ा। हमलोग निश्चित रूप से इसे देखेंगे। यह सब पिछली सरकार की देन है। मैं इसे मुद्दा नहीं बनाना चहाता।'
बता दें कि तूतीकोरिन में वेदांता ग्रुप की यूनिट स्टरलाइट इंडस्ट्रीज के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन में 13 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घयाल हो गए थे। इस हिंसा को लेकर अलग-अलग राजनीतिक दलों ने तमिलनाडु बंद बुलाया था।
बंद के दौरान विरोध प्रदर्शन कर रही विपक्षी पार्टी डीएमके की नेता कनिमोझी और वीसीके पार्टी के नेता थीरूमभालभन को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।
विरोध प्रदर्शन को लेकर पलानीसामी ने कहा था, 'अगर किसी पर हमला किया जाता है तो वो खुद के बचाव में कोई न कोई कदम उठाता है। यही कदम पुलिस ने मंगलवार को उठाया।'
प्रदर्शन को कमजोर करने और अफवाहों से बचने के लिए प्रशासन ने तूतीकोरिन, तिरूनावेली और कन्याकुमारी में 23 मई रात 9 बजे से अगले पांच दिनों के लिए इंटरनेट की सर्विस को बंद कर दिया गया है।
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पुलिस की गोलीबारी में हुई मौत के बाद इलाके में स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। संभावित विरोध प्रदर्शन को रोकने और कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए तूतीकोरिन में स्थानीय प्रशासन ने धारा 144 लगा दी है।
बता दें कि पुलिस ने इस हिंसा के मामले में 67 लोगों को गिरफ्तार किया है। स्टरलाइट कॉपर प्लांट के बंद हो जाने के 32 हजार 500 नौकरियों पर असर पड़ा है।
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Source : News Nation Bureau