देश में कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों में बवाल जारी है. इस बीच शनिवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने नये कृषि कानूनों को लेकर बातचीत की. इस मुलाकात के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मीडिया से बात-चीत में बताया कि आने वाले एक-दो दिनों में इस समस्या का हल निकाल लिया जाएगा. आपको बता दें कि इसके बाद अब सीएम खट्टर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात करने के लिए जाएंगे.
I believe that the talk could be held in the next 2-3 days. A solution to this issue (farmers' protest) should be found through discussion. I have said that this issue should be resolved soon: Haryana CM Manohar Lal Khattar after meeting Union Agriculture Minister NS Tomar https://t.co/vfDtJq6EHW pic.twitter.com/EQjEhb5iUk
— ANI (@ANI) December 19, 2020
नरेंद्र तोमर से मुलाकात के बाद सीएम खट्टर ने बताया कि, मेरे हिसाब से आने वाले 2-3 दिनों में कृषि बिलों को लेकर सरकार और किसानों के बीच प्रतिरोध खत्म हो सकता है. उन्होंने कहा कि किसानों के विरोध का समाधान चर्चा के माध्यम से निकलना चाहिए.
सरकार और किसानों के बीच बना है गतिरोध
आपको बता दें कि पिछले लगभग एक महीने से केंद्र सरकार और किसानों के बीच कृषि कानूनों को लेकर लगातार गतिरोध बना हुआ है. किसान केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर पर पिछले 24 दिनों से लगातार दिन-रात प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली की सीमा पर कई हजार किसान हरियाणा और पंजाब से आकर डेरा डाले हुए हैं. वहीं किसानों के आंदोलन को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का कहना है कि वह बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन किसानों की मांग है कि कृषि कानूनों को रद्द किया जाए तभी बातचीत के लिए वो बैठेंगे.
सरकार के लिखित प्रस्ताव के बाद भी नहीं मान रहे किसान
दिल्ली की सीमाओं पर पिछले लगभग एक महीने से डटे किसान सरकार की कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं हो रहे हैं. उनका मानना है कि सरकार पहले कृषि कानूनों को रद्द करे उसके बाद वो बातचीत के लिए तैयार होंगे आपको बता दें कि इस दौरान किसानों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन सभी का नतीजा ढाक के तीन पात ही रहे. किसान नेताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की जिसके बाद सरकार ने किसानों को लिखित में प्रस्ताव भी दिया था, लेकिन किसानों ने उसे ठुकरा दिया.
Source : News Nation Bureau