हाथरस भगदड़ मामले की जांच कर रही SIT ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. तकरीबन 15 पन्नों की इस रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे हुए हैं. रिपोर्ट में साफ तौर पर, इस खौफनाक घटना को लापरवाही और बदइंतजामी का नतीजा करार दिया है. इसके साथ ही कई स्थानीय अफसरों को भी इस भगदड़ का जिम्मेदार ठहराया है. मालूम हो कि, यह घटना मंगलवार को धार्मिक उपदेशक नारायण साकार हरि, जिन्हें 'भोले बाबा' के नाम से भी जाना जाता है, के 'सत्संग' के दौरान पेश आई, जिसमें तकरीबन 123 लोगों की मौत हो गई...
कौन-कौन जिम्मेदार?
गौरतलब है कि, SIT की रिपोर्ट में सत्संग के सेवादार, मौके पर मौजूद स्थानीय अधिकारी समेत समिती से जुड़े अन्य लोगों को इसका जिम्मेदार ठहराया है. रिपोर्ट के मुताबिक, सत्संग में भीड़ बेइंतहा थी, काफी संख्या में श्रद्धालुओं पहुंच रहे थे, जिसके चलते भीड़ नियंत्रण से बाहर हो गई. मौके पर मौके पर मौजूद अफसर स्थिति का आकलन करने में फेल हुए. कंडिशन बिगड़ी और तब ये स्थिति बिगड़ गई.
वहीं दूसरी ओर सत्संग में मौजूद सेवादारों ने पूरा इंतजाम की जिम्मेदारी ले रखी थी. सत्संग स्थल पर तैनात ज्यादातर पुलिसकर्मी बाहर थे. पुलिसबल का पूरा फोकस ट्रैफिक मैनेजमेंट और सड़कों पर होने वाली भीड़ को नियंत्रित करने पर था. वहीं SIT रिपोर्ट में आयोजन समिति के लोगों को भी अनुमति की शर्तों का उल्लंघन करने से जुड़े तथ्य छिपाने का जिम्मेदार ठहराया है. इसके लिए पूरे हादसे में गहन छानबीन की जा रही है.
मामले में हुई गिरफ्तारी...
अलीगढ़ रेंज आईजी शलभ माथुर ने इस एक्शन की जानकारी देते हुए बताया कि, इस मामले में 4 जुलाई को 6 लोगों की गिरफ्तारी की गई थी, ये सभी के सभी आयोजन समिति से जुड़े हुए थे. बताया गया कि, मामले में मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर पर 1 लाख का इनाम रखा गया था. वहीं कहा गया कि, अगर जरूरत पड़ी तो भोले बाबा से पूछताछ की जाएगी.
Source : News Nation Bureau