Hathras stampede tragedy: हाथरस में 121 लोगों की मौत का जिम्मेदार भोले बाबा उर्फ नारायण साकार फरार है... हादसे को 25 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, मगर अबतक बाबा का कोई अता-पता नहीं है. हैरतअंगेज तौर पर, पूरे घटनाक्रम के मुख्य जिम्मेदार बाबा का नाम तक FIR में नहीं डाला गया है. हालांकि, बाबा अब बुरा फंसा है, क्योंकि उसके आपराधिक इतिहास के खुलासे हो रहे हैं. अभी-अभी कई मीडिया चैनलों के हाथ पुरानी FIR की कॉपी लगी है, जिसमें एक पुराने मामले में बाबा की गिरफ्तारी दर्ज है...
दरअसल, तकरीबन 23 साल पहले इस बाबा को पुलिस ने गिरफ्तार किया गया था. वजह थी- इस स्वयंभू बाबा द्वारा अपनी गोद ली हुई बेटी को पुनर्जीवित करने के लिए जादुई शक्तियों के मालिक होने का दावा. मीडिया के हाथ लगी FIR की कॉपी में सामने आया कि, जब साल 2000 में इस बाबा की रिहाइश आगरा में थी, तब पुलिस ने औषधि और जादुई उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 के तहत उसे गिरफ्तार किया था.
वहीं उस वक्त बाबा के अनुयायियों ने कथित तौर पर एक श्मशान घाट पर जोरदार हंगामा किया था, जिसके बाद पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज कर गिरफ्तार कर लिया था.
क्या था बाबा की बेटी वाला विवाद?
एक मीडिया चैनल ने इस मामले में तफ्तीश करते हुए बताया कि, नारायण साकार उर्फ भोले बाबा की कोई संतान नहीं थी, इसलिए उसने अपनी भतीजी को गोद लिया था, जो कैंसर से पीड़ित थी. इसी बीच एक दिन, लड़की बेहोश हो गई. बाबा के अनुयायियों का दावा था कि, बाबा चमत्कार से बच्ची को ठीक कर देंगे, कुछ देर बाद लड़की को होश आ गया, लेकिन कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई.
बाबा की मृत बेटी के पार्थिव शरीर को मल्ला का चबूतरा श्मशान घाट ले जाया गया, लेकिन उसके अनुयायी इस बात पर अड़े थे कि, बाबा आएंगे और लड़की को वापस जीवित करेंगे.. उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और लाठीचार्ज करना पड़ा.
इसके बाद बाबा और उसके छह अनुयायियों को गिरफ्तार कर लिया गया, हालांकि, सबूतों के अभाव में कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया.
बाबा पर पहले से कई मुकदमे...
अगर बाबा के इतिहास पर गौर करें तो, मिली जानकारी के अनुसार ये पहले इंटेलिजेंस में था, सिपाही था और फिर VRS लिया. इसके ऊपर यौन शोषण समेत कई गंभीर मामलों में मुकदमे दर्ज है.
Source : News Nation Bureau