कोरोना वायरस (Corona Virus) से जुड़े किसी भी लक्षण यानी खांसी-जुकाम के नजर आने पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) परिसर में अब प्रवेश संभव नहीं होगा. सोमवार से कोर्ट में आने वाले लोगों से बकायदा फॉर्म भरवा कर यह जानकारी ली जा रही है कि वह किसी ऐसे देश तो नहीं गए थे जहां कोरोना का असर है या उनके परिवार में कोई कोरोना से प्रभावित तो नहीं है. फॉर्म में यह भी पूछा जा रहा है क्या वह बुखार या खांसी-जुकाम (Cold-Cough) से तो परेशान नहीं हैं? कोर्ट परिसर के अंदर सिर्फ ज़रूरी काम वालों को ही प्रवेश मिल रही है.
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शाम 6 बजे सेनैटाइजेशन
कोर्ट रूम के अंदर भी प्रवेश आज बेहद सीमित है. कोर्ट रूम के अंदर सिर्फ संबंधित मामले में जिरह करने वाले वकीलों को ही प्रवेश दिया जा रहा है. इसके अलावा किसी मामले से जुड़े एक वादी को ही कोर्ट के अंदर प्रवेश दिया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट परिसर के अंदर सभी कैंटीन, गाइडेड टूर और म्यूज़ियम फिलहाल बन्द रहेंगे. कोर्ट में आज सुनवाई भी थोड़ी देर से लगभग 10.45 शुरू हुई. जस्टिस अरुण मिश्रा ने कोर्ट में भीड़ को देखते हुए कहा कि कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट इतना तैयार नज़र नहीं आता. हाई कोर्ट में स्पेस ज़्यादा है, वहां कोर्ट रूम ज़्यादा बड़े हैं. पूरे सुप्रीम कोर्ट परिसर का रोज़ शाम 6 बजे सेनैटाइजेशन होगा.
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हर शख्स की थर्मल स्क्रीनिंग
कोरोना के खतरे के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट परिसर में एंट्री करने वाले हर शख्स की तापमान की थर्मल स्क्रीनिंग हो रही है. उसके बाद ही परिसर के अंदर उसे प्रवेश मिल पा रही है. वायरस के खतरे के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट का कामकाज फिलहाल सीमित कर दिया है. आज सिर्फ 6 बेंच बैठ रही है, जिनके सामने कुल 72 केस लगे हैं. गौरतलब है कि भारत में भी कोरोना वायरस का संक्रमण 15 राज्यों में फैल गया है और देशभर में इसके अबतक 110 मामले सामने आ चुके हैं. इस बीच सोमवार को ईरान से 53 और भारतीयों की वतन वापसी हुई जिनमें 52 स्टूडेंट्स और एक टीचर शामिल हैं.
HIGHLIGHTS
- सोमवार से सुप्रीम कोर्ट में खांसी-जुकाम वालों को प्रवेश नहीं.
- मामलों के वकील और वादियों को ही मिलेगा प्रवेश.
- जस्टिस अरुण मिश्रा ने की इंतजाम पर कड़ी टिप्पणी.