सरकारी पदों पर रहते राजनीतिक गतिविधियों में लगे रहने वाले संबित पात्रा, इकबाल सिंह लालपुरा, जस्मिन शाह, डॉ. चंद्रभान सिंह के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में पीआईएल पर कल सुनवाई होगी. हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, राजस्थान सरकार समेत इन चारों लोगों को नोटिस भेजा है. राजनीतिक पार्टियों में आधिकारिक पदों पर रहने वाले व्यक्तियों को नियमों का उल्लघंन कर नियमित रूप से सरकारी पदों पर नियुक्त किया जा रहा है. इसका नीति निर्माण पर व्यापक प्रभाव पड़ता है. यह राजनीतिक पद के दुरुपयोग के समान है. साथ ही सरकारी खजाने को भारी नुकसान होने की संभावना है.
किसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है?
1) संबित पात्रा 2. इकबाल सिंह लालपुरा 3. जस्मिन शाह 4. डॉ. चंद्रभान सिंह
सरकारी पार्टी- 1. केंद्र सरकार (कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग) 2. दिल्ली सरकार 3. राजस्थान सरकार
प्रमुख तर्क क्या हैं?
-आईपीसी की धारा 21(12) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 2(सी) में अभिव्यक्ति की परिभाषा के अनुसार नामित प्रतिवादी पब्लिक सर्वेंट हैं. सरकारी पदों पर नियुक्त होने के बाद भी वे तटस्थता के सिद्धांत का उल्लंघन करते हुए राजनीतिक गतिविधियों में लगे रहते हैं. सरकारी अधिकारियों की राजनीतिक तटस्थता का सिद्धांत उनको राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने से रोकता है.
- करदाताओं के पैसे से पब्लिक सर्वेंट के वेतन, भत्तों और अनुलाभों का आनंद लेने और पक्षपातपूर्ण गतिविधियों के कारण सरकारी खजाने को भारी नुकसान होगा. वे राजनीतिक दलों का प्रचार भी कर रहे हैं और अपने राजनीतिक लाभ और राजनीतिक एजेंडे के लिए सार्वजनिक कार्यालय का उपयोग कर रहे हैं.
- इस उल्लंघन के विशिष्ट उदाहरण संबित पात्रा हैं, जो कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता होने के साथ-साथ भारतीय पर्यटन विभाग निगम (आईटीडीसी) के अध्यक्ष हैं. उन्होंने बड़े स्तर पर खुद को भाजपा के प्रवक्ता के रूप में पेश किया है, खासकर सोशल मीडिया पर.
- इसके अलावा इकबाल सिंह लालपुरा राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) के अध्यक्ष हैं. जबकि भारतीय जनता पार्टी के संसदीय बोर्ड के सदस्य भी हैं. उन्होंने राजनीतिक गतिविधियों के लिए एनसीएम कार्यालय का इस्तेमाल किया है. कांग्रेस और आप सहित विपक्षी दलों पर हमला करते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. इस तरह के कार्यों के लिए एनसीएम के परिसर का इस्तेमाल किया है.
- जस्मिन शाह, दिल्ली के डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन की वाइस चेयरमैन हैं और आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता भी हैं. उन्होंने विभिन्न वीडियो में आम आदमी पार्टी का समर्थन किया है और भाजपा की आलोचना की है.
- डॉ.चंद्रभान, बीस सूत्रीय कार्यक्रम कार्यान्वयन और समन्वय समिति के उपाध्यक्ष हैं. इसके अलावा राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य भी हैं. उन्होंने राजनीतिक जुड़ाव, कांग्रेस के भीतर अपनी स्थिति के बारे में खुलकर बात कर भाजपा की आलोचना की है.
- जनहित याचिका में इन सभी चार व्यक्तियों के कार्यों की वीडियो ग्राफिक गवाही पेश की गई है. प्रतिवादी सरकारों को इन व्यक्तियों को उनके पदों से हटाना चाहिए, क्योंकि वे पब्लिक सर्वेंट रहते हुए राजनीतिक दलों में आधिकारिक पदों पर रहकर जानबूझकर तटस्थता के सिद्धांत की अनदेखी कर रहे हैं.
- राजनीतिक दलों में सरकारी पदों पर बैठे व्यक्तियों की लोक सेवक के रूप में नियुक्ति के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने के लिए एक समिति का गठन किया जाना चाहिए.
Source : Mohit Bakshi