2019 लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने के लिए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने गुरुवार को बेंगलुरू में पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल (सेक्युलर) नेता एच डी देवगौड़ा और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी से मुलाकात की. बता दें कि बीजेपी के खिलाफ गठबंधन को लेकर नायडू लगातार विपक्षी नेताओं से मिल रहे हैं. एच डी देवगौड़ा ने नायडू के साथ बातचीत के बाद बताया कि बीजेपी के खिलाफ सभी धर्मनिरपेक्ष दलों को एक साथ आना चाहिए.
देवगौड़ा ने कहा, 'पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए शासन ने संवैधानिक संस्थाओं पर हमले के साथ कई सारी समस्या पैदा कर दी है. अब, कांग्रेस सहित सभी धर्मनिरपेक्ष दलों की जिम्मेदारी है कि एनडीए सरकार को सत्ता से हटाएं.'
उन्होंने कहा, 'आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने मोर्चा संभाला है और 2019 में एनडीए सरकार को हटाने के लिए सभी धर्मनिरपेक्ष दलों से मुलाकात की है. वे मुझसे और एचडी कुमारस्वामी से आगे की रणनीति तय करने के लिए मिले.'
देवगौड़ा और कुमारस्वामी से मिलने के बाद नायडू ने कहा कि गठबंधन बनाने के लिए शुरूआती कदम अभी तक तय नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा कि तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के बाद कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की जाएगी.
नायडू ने कहा, 'मैंने मायावती, अखिलेश यादव से बातचीत की. मैंने सभी से मुलाकात की है. कल मैं डीएमके अध्यक्ष स्टालिन से मिलूंगा. हम तय करेंगे कि आम-सहमति के साथ गठबंधन कैसे आगे ले जाया जाए. यह शुरूआती कवायद है. इसके बाद हम मिलकर काम करेंगे.'
कांग्रेस के मुखर आलोचक रहे नायडू महागठबंधन के लिए उसके साथ बातचीत करने के भी खिलाफ नहीं हैं. हालांकि उन्होंने प्रधानमंत्री पद के दावेदार के सवाल पर कोई जवाब नहीं दिया.
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गौरतलब है कि इससे पहले नायडू कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव से मुलाकात कर चुके हैं. वे 2019 लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा सरकार के खिलाफ विशाल मोर्चा गठित करने के अपने प्रयास में लगातार बैठकें कर रहे हैं.
हालांकि इससे पहले यह पूछने पर कि क्या वह तीसरे मोर्चे के संयोजक हो सकते हैं, इस पर नायडू ने स्पष्ट जवाब नहीं दिया था, लेकिन कहा था कि गठबंधन सरकारों ने अच्छा काम किया है और उनकी नीतियां बहुत स्पष्ट थी.
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चंद्रबाबू नायडू ने कहा था कि विपक्षी दलों की राजनीतिक और वैचारिक मजबूरियां हो सकती हैं लेकिन उन्हें लोकसभा चुनावों में बीजेपी को हराने के लिए 'क्या सही है' इस आधार पर आगे बढ़ना होगा.
Source : News Nation Bureau