राजनीतिक जगत के चाणक्य कहलाने वाले प्रशांत किशोर (PK) ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल के बाद अब कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी की नैय्या को पार लगाएंगे. इस बारे में जानकारी देते हुए कुमारस्वामी ने कहा, 'हम प्रशांत किशोर के साथ जुड़े हुए हैं. वो हमारी मदद करने के लिए मान गए हैं. पीके हमारे लिए चुनावी रणनीति तैयार करेंगे और हम अपने बल पर 2023 में सत्ता में लौटेंगे.'
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बता दें कि इससे पहले प्रशांत किशोर के साथ कुमारस्वामी ने इस सिलसिले में कई बार मुलाकात की थी. उन्होंन पीके से जेडीएस (JDS) के लिए चुनावी रणनीति बनाने के लिए गुजारिश की थी.
गौरतलब है कि साल 2018 में हुए कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में जेडीयू (JDS) ने 225 में से 37 सीटें हासिल की थी. जेडीएस ने कांग्रेस के साथ गठबंधन कर के राज्य में सरकार बनाई थी, जिसके मुख्यमंत्री कुमारस्वामी थे. वहीं 2019 में हुए लोकसभा चुनावों में 28 संसदीय सीटों में से उन्हें केवल 1 सीट पर जीत मिली थी.
प्रशांत किशोर की कंपनी I-PAC ने 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू-आरजेडी गठबंधन के लिए भी रणनीति बनाई थी. इसके अलावा साल 2017 के विधानसभा चुनावों में I-PAC ने कांग्रेस के लिए यूपी और पंजाब में चुनावी रणनीति तैयार की थी, लेकिन सिर्फ पंजाब में ही कांग्रेस को कामयाबी मिल पाई. पीके साल ने 2019 के चुनावों के लिए आंध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी की पार्टी के लिए चुनावी रणनीति तैयार की थी.
बता दें कि प्रशांत किशोर ने हाल ही में नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था, जिस पर जद (यू) ने उन्हें पार्टी से चलता कर दिया. निष्कासन के बाद प्रशांत पहली बार मीडिया के सामने आए और उन्होंने नीतीश कुमार का खुलकर विरोध किया. उन्होंने नीतीश कुमार से दूरी की सबसे मुख्य वजह वैचारिक मतभेद बताया था.
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गौरतलब है कि प्रशांत किशोर लगातार सीएए, एनआरसी और एनपीआर का विरोध करते आए हैं. इसके साथ ही वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं पर भी हमलावर हुए हैं. इतना ही नहीं वर्तमान में प्रशांत किशोर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के लिए चुनाव बिसात बिछा रहे हैं.
हालांकि, इतना तय है कि वह अब बिहार चुनाव में नीतीश कुमार के खिलाफ रणनीति बनाएंगे, लेकिन इसके लिए वह किसी दल में शामिल होंगे या नहीं, इसको लेकर अभी निर्णय नहीं लिया गया है.