कर्नाटक अश्लील वीडियो मामले में जेडी (एस) विधायक एचडी रेवन्ना को गिरफ्तारी के एक दिन बाद रविवार को 8 मई तक एसआईटी की हिरासत में भेज दिया. एचडी रेवन्ना को एसआईटी अधिकारियों ने अपहरण के मामले में शनिवार को गिरफ्तार किया था. इसके बाद रविवार को बेंगलुरु की 17 एसीएमएम अदालत ने जेडीएस नेता को 8 मई तक एसआईटी हिरासत में भेज दिया. इसके साथ ही एसआईटी ने पीड़ितों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है, जिस पर कॉल कर वह अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
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SIT ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
कर्नाटक सेक्स स्कैंडल में फंसे कर्नाटक के पूर्व मंत्री एचडी रेवन्ना और उनके बेटे प्रज्वल रेवन्ना बुरी तरह से फंस गए हैं. एचडी रेवन्ना को जहां एसआईटी की हिरासत में भेज दिया गया है तो वहीं प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है. इस बीच SIT ने पीड़ितों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. एसआईटी ने हेल्पलाइन नंबर 6360-938947 जारी किया है. जिसपर पीड़ित कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
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अपने ऊपर लगे आरोपों पर क्या बोले एचडी रेवन्ना
कर्नाटक सेक्स स्कैंडल मामले में फंसे एचडी रेवन्ना ने कहा कि मेरे 40 साल के राजनीतिक जीवन में मुझ पर कोई आरोप नहीं लगा. उन्होंने कहा कि ये एक साजिश है. रेवन्ना ने कहा कि मेरे ऊर दर्ज की गई एफआई में उन्हें मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है. इसलिए उन्होंने 2 मई को दोबारा आवेदन किया और बिना किसी सबूत के मेरे ऊपर मुकदमा दर्ज किया गया. उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया. बता दें कि एचडी रेवन्ना पर एक महिला के अपहरण और अवैध रूप से बंधक बनाने का आरोप है. इस मामले में महिला के बेटे ने गुरुवार को शिकायत दर्ज कराई थी.
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SIT कर रही कर्नाटक सेक्स स्कैंडल की जांच
बता दें कि कर्नाटक में जेडीएस नेता प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े सेक्स स्कैंडल में जांच एसआईटी कर रही है. गौरतलब है कि यौन उत्पीड़न के कथित वायरल वीडियोज का विश्लेषण करने के बाद एफएसएल रिपोर्ट की समीक्षा की गई. वहीं एसआईटी ने कई पीड़ितों की पहचान की है. इन पीड़ित महिलाओं से संपर्क साधने की कोशिश की जा रही है. हालांकि इन महिलाओं में से कुछ तक पहुंचने में जांच टीम को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं कुछ पीड़िताओं ने वीडियो में होने से इनकार किया है. बताया जा रहा है कि आरोपियों और उनके सहयोगियों ने कुछ पीड़ितों को या तो लालच दिया है उनके खिलाफ बयान देने से रोकने के लिए धमकी दी है. हालांकि एसआईटी अधिकारियों ने इन मामलों में पर्याप्त जानकारी इकट्ठी कर ली है. साथ ही पीड़िताओं को पूरी सुरक्षा देने का आश्वासन भी दिया है.