कोरोना वायरस (Corona Virus) के हालात को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ बातचीत की. ट्विटर (Twitter) के माध्यम से राहुल गांधी ने बुधवार को हावर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर आशीष झा और स्वीडन के प्रोफेसर जोहान से बात की. इसमें स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने राहुल गांधी से कहा कि कोरोना वायरस की महामारी एक दो महीने में खत्म नहीं होगी. इसका असर अगले साल तक देखा जाएगा.
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राहुल गांधी ने सवाल किया कि लॉकडाउन पर क्या विचार? इससे मनोविज्ञान पर फर्क पड़ता है, ये कितना मुश्किल है? प्रोफेसर झा ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से वायरस के असर को धीमा कर सकते हैं. वायरस को रोकने के लिए इसके पीड़ित को समाज से अलग करना होगा. इसके लिए टेस्टिंग भी जरूरी है. लॉकडाउन आपको अपनी क्षमता बढ़ाने का वक्त देता है. क्योंकि लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर बहुत बड़ी चोट मिल सकती है. अगर लॉकडाउन का इस्तेमाल अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए नहीं किया गया, तो काफी नुकसान होगा. राहुल गांधी के पूछा कि लॉकडाउन की वजह से मजदूरों पर काफी असर पड़ा है, क्योंकि मजदूरों को पता नहीं है कि ये कब ठीक होगा और काम कब मिलेगा? इस पर प्रोफेसर झा ने कहा कि कोरोना वायरस किसी भी हाल में एक-दो महीने में जाने वाला नहीं है. ये 2021 में भी जारी रहेगा. दिहाड़ी मजदूरों के पास मदद पहुंचाने की जरूरत है, ताकि उन्हें भरोसा हो सके कि कल अच्छा होगा.
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बीसीजी टीके से नहीं होगा लाभ
प्रोफेसर झा ने कहा कि बार-बार इस तरह की बात कही जा रही है कि BCG वैक्सीन से कोरोना वायरस ठीक हो सकता है, लेकिन ऐसा करना खतरनाक होगा. क्योंकि अभी कई तरह का मंथन चल रहा है और रिसर्च के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. गर्मी से कोरोना का असर खत्म हो जाता है ऐसे भी कोई तथ्य सामने नहीं आए हैं.
Source : News Nation Bureau