कोरोना वायरस (CoronaVirus) देश में चरम पर है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे लेकर मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि भारत में 14 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश हैं जहां कुल सक्रिय मामले 5000 से कम हैं. 18 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश हैं जहां कुल सक्रिय मामले 5000-50,000 के बीच है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने बताया कि देश के 5 राज्यों में 60 प्रतिशत कोरोना के एक्टिव मरीज हैं, 6.8% अकेले उत्तर प्रदेश में है. जुलाई की शुरुआत में महाराष्ट्र में सिर्फ से 6000 के प्रतिदिन आते थे जो अब बढ़कर 21000 हो गए हैं.
भारत में मृत्यु दर में काफी कमी
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा अभी भी प्रति 10 लाख की आबादी में भारत में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या काफी कम है, मृत्यु दर में भी काफी कमी है.भारत में प्रति 10 लाख 58 करोना पॉजिटिव मरीजों की मृत्यु होती है ,जबकि विश्व में तो 118 है और स्पेन में 636.
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78.28% मरीज ठीक हो चुके है
उन्होंने आगे बताया कि 78.28% मरीज ठीक हो चुके है. 7 जुलाई को भारत में एक करोड़ टेस्ट हुए थे, 3 अगस्त को दो करोड़ ,17 अगस्त को 3 करोड़, 29 अगस्त को चार करोड़ और 8 सितंबर तक भारत में 5 करोड़ तक हो चुके हैं. इसमें आईसीएमआर और राज्य सरकार दोनों का सहयोग मिला है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि महाराष्ट्र में कोरोना के टेस्ट की पॉजिटिविटी रेट 21.5% है, दिल्ली में 8.9%, जबकि उत्तर प्रदेश में 4.5%. उत्तर प्रदेश में पॉजिटिविटी रेट अखिल भारतीय औसत से काफी कम है भारत का औसत 8.2% है.
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कोई भी मरीज टेस्टिंग से छूट ना जाए इस पर काम कर रहे हैं
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि हम चेंज द वायरस की रणनीति पर काम कर रहे हैं, जिससे कोई भी मरीज टेस्टिंग से छूट न जाए. देश में 38 लाख से ज्यादा लोग संक्रमण को मात देकर स्वस्थ हो चुके हैं.देश में रिकवरी की दर काफी तेजी से बढ़ रही है.
कैडिला, भारत बायोटेक और सिरप तीनों की वैक्सीन पर काम चल रहा है
आईसीएमआर के डीजी डॉ भार्गव ने बताया कि कैडिला, भारत बायोटेक और सिरप तीनों की वैक्सीन पर काम चल रहा है. कैडिला का फेज़ दो कंप्लीट हो गया है ,इसमें 28 दिन के बाद तीन डोज़ लगते हैं. वहीं, भारत बायोटेक का भी पहला चरण पूरा हो गया है. फेस टू की पहला चरण पूरा हो गया ,है दूसरे चरण की दूसरी डोज लगनी बाकी है.
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रेमदेसीविर के अमेरिका में हुए ट्रायल से यह साफ हो जाता है कि अस्पताल में मरीन की सेहत पर इसका बेहतर असर पड़ता है, भारत में भी इसका शोध कार्य चल रहा है. भारत में प्लाज्मा थेरेपी चल रही है ,लेकिन इसमें कुछ साइड इफेक्ट भी संभव है इसलिए हम चरणबद्ध तरीके से काम कर रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि करोना के टेस्ट में हम संक्रमण की पहचान करते हैं, जबकि सिरों सर्वे में हम खून के जरिए एंटीबॉडी की पहचान करते हैं.
रशिया में वैक्सीन बनाने का इतिहास अच्छा है
डॉ भार्गव आईसीएमआर ने कहा कि रशिया में वैक्सीन बनाने का इतिहास अच्छा है , लेकिन रसिया की व्यक्ति का तीसरा चरण पूरा नहीं हुआ है ,फिर भी राजनीति पर दोनों देशों की सरकारें संवाद कर रही है. आपातकालीन स्तर पर न सिर्फ हम वैक्सीन बल्कि करोना के लिए शोध पर चल रही दवाइयों का उपयोग भी कर सकते हैं। जैसे अमेरिका ने रेमडेसेवीर के आपात प्रयोग की मंजूरी दी.
Source : News Nation Bureau