आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों लेकर भारतीय निर्वाचन आयोग (Election commission of India) और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) की अहम बैठक सोमवार को खत्म हो गई. बैठक में स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने हर राज्य में कोरोनावायरस के नए और बेहद संक्रामक वेरिएंट ओमीक्रॉन ( Omicron) के फैलने से जुड़ी रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंपी. फिलहाल अगले साल की पहली छमाही में होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को टालने को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है. चुनाव आयोग ने स्वास्थ्य सचिव से पूछा है कि आने वाले तीन महीनों में संक्रमण कितना फैल सकता हैं. इस पर स्वास्थ्य सचिव भूषण ने बताया कि फिलहाल यह कहा नहीं जा सकता है, लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए मामले 25 फीसदी तक बढ़ सकते हैं.
बैठक में स्वास्थ्य अधिकारियों ने जिन-जिन जिलों में आर वैल्यू बढ़ी है उनके बारे में प्रजेंटेशन देते हुए चुनाव आयोग को विस्तार से कोरोना के खिलाफ तैयारियों के बारे में बताया. स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने आयोग को बताया कि देश में और खासकर विधानसभा चुनाव वाले पांच राज्यों में कोरोनावायरस और ओमीक्रॉन के संक्रमण को लेकर ताजा हालात क्या हैं. विधानसभा चुनाव की तैयारियों और आशंकाओं को लेकर हुई इस बैठक में चुनाव आयोग ने स्वास्थ्य सचिव से चुनावी राज्यों की कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन वेरिएंट सहित वैक्सीनेशन की पूरी जानकारी ली.
In today's meeting, ECI and Union Health Ministry discussed the rising number of COVID19 (Omicron) cases across India and vaccine coverage, especially in States going for Assembly elections next year. ECI and Health Ministry will hold another meeting in January 2022.
— ANI (@ANI) December 27, 2021
चुनावी राज्यों में कोरोना वैक्सीनेशन का हाल
बैठक में कहा गया है कि अभी पांच चुनावी राज्यों में कोरोना के टीके की पहली डोज की स्थिति संतोजषनक है. इन राज्यों में 70 फीसद लोगों को कोरोना टीका की पहली खुराक लगाई जा चुकी है. उत्तर प्रदेश में 83 फीसदी और पंजाब में 77 फीसदी लोगों को कोरोना की पहली डोज लग चुकी है. गोवा और उत्तराखंड में शत प्रतिशत लोगों को कोरोना टीका की पहली डोज लग चुकी है. मणिपुर में 70 फीसदी लोगों को कोरोना का पहला टीका लगाया जा चुका है.
विधानसभा चुनाव का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
अगले साल होने वाले विधान सभा चुनावों को लेकर हो रही राजनीतिक रैलियों पर रोक लगाने का मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच गया है. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर गुहार लगाई गई है कि राजनीतिक पार्टियां चुनावी रैली को वास्तविक के बजाय वर्चुअल यानी डिजिटल रूप में ही करें. एडवोकेट विशाल तिवारी ने जनहित याचिका दाखिल कर चुनावी राज्यों में हो रही राजनीतिक रैलियों, सभाओं और जमावड़ों पर रोक लगाने की मांग की है. याचिका में गुहार लगाई गई है कि चुनाव आयोग को निर्देश दिया जाए कि चुनावी रैलियां वर्चुअल कराई जाएं.
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इलाहाबाद हाई कोर्ट की चुनाव टालने की अपील
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग से इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कोरोना के चलते बिगड़ते हालातों को देखकर विधानसभा चुनाव को फिलहाल टालने की अपील की थी. इसके बाद मुख्य चुनाव आयुक्त ने उत्तर प्रदेश का दौरा कर हालात का जायजा लेने के बाद कोई ठोस निर्णय लेने की बात कही थी. चुनाव आयोग की टीम तैयारियों का जायजा लेने के लिए पंजाब, गोवा और उत्तराखंड का दौरा कर चुकी है और जल्द ही उत्तर प्रदेश और मणिपुर का दौरा करने वाली है. पांचों राज्य में अगले साल फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव करवाए जाने की संभावना है.
HIGHLIGHTS
- पांच चुनावी राज्यों में कोरोना के टीके की पहली डोज की स्थिति संतोजषनक
- पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को टालने को लेकर कोई फैसला नहीं लिया
- विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर चुनाव आयोग-स्वास्थ्य मंत्रालय की बैठक