अगस्ता वेस्टलैंड में बिचौलिये की भूमिका निभाने वाले क्रिश्चियन मिशेल की जमानत याचिका पर पटियाला हाउस में सुनवाई पूरी हो गई है. मिशेल के वकील ने जहां जमानत मांगी, वहीं सीबीआई ने ज़मानत अर्ज़ी का विरोध किया. सीबीआई के वकील ने कहा- इस मामले में जांच जारी है. अगर मिशेल जेल से बाहर आएगा तो जांच प्रभावित हो सकती है. मिशेल के वकील का तर्क था कि वह सीबीआई की जांच में सहयोग करते आए रहे हैं. फैसला 22 दिसंबर को आएगा.
मिशेल के खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए उनके वकील ने कहा, वो डिस्लेक्सिया बीमारी से पीड़ित है. दुबई में मिशेल पहले ही सीबीआई के अनुरोध पर 5 महीने हिरासत में रह चुके हैं. वो पिछले पंद्रह दिनों से दिल्ली में हिरासत में है. दुबई में पांच बार सीबीआई उनसे पूछताछ कर चुकी है. 2016 में ख़ुद मिशेल ने सीबीआई को जांच में सहयोग देने के लिए आश्वस्त किया था. फरवरी 2017 में एक बार और जून 2017 में तीन बार सीबीआई ने दुबई में उससे घंटों पूछताछ की थी. मिशेल के वकील ने कहा कि इस मामले में बाकी आरोपियों को ज़मानत मिल चुकी है , वो भी ज़मानत के अधिकारी है, इसके लिए अदालत जो भी शर्त लगाना चाहे, उन्हें मंजूर है.
मिशेल के वकील की दलीलों का जवाब देते हुए सीबीआई ने फिर दोहराया कि मिशेल प्रभावशाली है, ज़मानत पर बाहर आने पर वो गवाहों/सबूतों को प्रभावित कर सकता है. यहां तक कि प्रत्यर्पण से पहले भी वो किसी तरह दुबई से भागने की फिराक में था. कोर्ट ने सीबीआई और मिशेल के वकीलों की जिरह के बाद फैसला सुरक्षित रखा. कोर्ट 22 दिसंबर को फैसला सुनाएगा.
Source : Arvind Singh