Advertisment

टूलकिट मामले में दोपहर 2 बजे शांतनु, निकिता की जमानत अर्जी पर सुनवाई

दिल्ली पुलिस ने कहा था कि स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा किसानों के विरोध को समर्थन देने के लिए ट्वीट किया गया टूलकिट, जिसे बाद में डिलीट कर दिया गया था, को इन तीनों ने बनाया था.

author-image
Ravindra Singh
New Update
Toolkit case

टूलकिट केस( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

दिल्ली की एक अदालत तीन कृषि कानूनों के खिलाफ ग्रेटा थनबर्ग द्वारा ट्वीट किए टूलकिट मामले में इंजीनियर से एक्टिविस्ट बने शांतनु मुलुक और वकील निकिता जैकब की अग्रिम जमानत याचिका पर मंगलवार दोपहर 2 बजे सुनवाई करेगी. एडिशनल सेशन जज धर्मेन्द्र राणा द्वारा मामले को सुबह 10 बजे सुना जाना था, लेकिन दिल्ली पुलिस द्वारा जमानत याचिका पर दिए गए जवाब को पढ़ने के लिए और दोनों के वकील द्वारा समय मांगने के बाद सुनवाई को दोपहर के लिए निर्धारित कर दिया गया. एडवोकेट रेबेका जॉन जैकब की पैरवी कर रही हैं, जबकि वृंदा ग्रोवर मामले में मुलुक की पैरवी कर प्रतिनिधित्व कर रही हैं. विशेष अभियोजक इरफान अहमद स्टेट की ओर से पैरवी कर रहे हैं. जलवायु एक्टिविस्ट दिशा रवि, मुलुक और जैकब पर किसानों के विरोध से जुड़े मामले में साजिश और देशद्रोह के आरोप लगे हैं. पुलिस ने कहा कि 'टूलकिट' भारत को बदनाम करने के लिए बनाया गया था.

दिल्ली पुलिस ने कहा था कि स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा किसानों के विरोध को समर्थन देने के लिए ट्वीट किया गया टूलकिट, जिसे बाद में डिलीट कर दिया गया था, को इन तीनों ने बनाया था. गिरफ्तारी के डर से, मुलुक और जैकब ने क्रमश: 23 फरवरी और 1 मार्च को गिरफ्तारी से पहले अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी. अदालत ने तब उन्हें मार्च तक गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की थी और पुलिस को कोई भी कठोर कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया था.

शांतनु मुलुक ने भी दायर की थी जमानत याचिका
बता दें कि 'टूलकिट' षड्यंत्र मामले में आरोपी शांतनु मुलुक ने  भी दिल्ली की एक अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी. इस मामले में मुलुक के अलावा जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि और निकिता जैकब भी आरोपी हैं. बॉम्बे हाईकोर्ट ने 16 फरवरी को उन्हें 10 दिनों के लिए ट्रांजिट अग्रिम जमानत दी थी. जैकब और मुलुक द्वारका में दिल्ली पुलिस के साइबर सेल कार्यालय में जांच में शामिल हुए. पिछले हफ्ते उन्हें जांच में शामिल होने के लिए नोटिस जारी किया गया था. सोमवार को द्वारका में दिल्ली पुलिस के साइबर सेल कार्यालय में जांच के दौरान उन्हें आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की गई.

पूछताछ में पता चला कि टूलकिट दिशा निर्देशों की एक सीरीज
दिल्ली पुलिस ने दलील दी है कि किसानों के विरोध को समर्थन देने के लिए स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा ट्वीट किए गए गूगल दस्तावेज को दिशा रवि और दो अन्य कार्यकर्ताओं - जैकब और मुलुक द्वारा बनाया गया था. हालांकि, बाद में ग्रेटा ने इसे डिलीट कर दिया था. 'टूलकिट' दिशानिर्देशों की एक श्रृंखला है जो यह बताता है कि किसी विशेष उद्देश्य को कैसे प्राप्त किया जा सकता है. टूलकिट विषयों की व्याख्या करने वाली कार्ययोजनाओं का चार्ट तैयार करता है और उन सुझावों को प्रस्तुत करता है जिनका पालन करके विशेष लक्ष्य प्राप्त किए जा सकते हैं.

HIGHLIGHTS

  • टूलकिट मामले में दिशा रवि और शांतनु की सुनवाई
  • स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ने किया था ट्वीट
  • जैकब और मुलुक द्वारा बनाया गया था टूलकिट
farmers-protest farmers Delhi court किसान आंदोलन Toolkit case टूलकिट केस Disha Ravi दिशा रवि ग्रेट थनबर्ग
Advertisment
Advertisment
Advertisment