भारत का उत्तरी हिस्सा चिलचिलाती गर्मी से जूझ रहा है, जिसके चलते अबतक 143 लोग अपनी जान गवा चुके हैं. हालांकि, वास्तविक आंकड़े इससे कई ज्यादा हो सकते हैं. वहीं अबतक हीटस्ट्रोक के 41,000 से ज्यादा मामले भी सामने आ चुके हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने ‘Heatwave Season 2024’ के संबंध में राज्य के स्वास्थ्य विभागों को सलाह जारी की है. मंत्रालय ने सख्त हिदायत दी है कि, बढ़ते तापमान और अत्यधिक गर्मी स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रही है. इसके प्रभावों को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभागों को तैयारी और समय पर प्रतिक्रिया सुनिश्चित करनी चाहिए.
गौरतलब है कि, 1 मार्च से 20 जून के बीच पूरे भारत में हीटवेव के चलते कुल 143 मौतें और हीटस्ट्रोक के 41,789 मामले सामने आए हैं. हालांकि, विशेषज्ञों का अनुमान है कि राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) द्वारा प्रबंधित राष्ट्रीय ताप-संबंधित बीमारी और मृत्यु निगरानी प्रणाली में राज्यों द्वारा अपूर्ण डेटा प्रस्तुत करने के कारण हीटवेव से वास्तविक आंकड़ा काफी ज्यादा हो सकता है.
दिल्ली में हीटवेव से मरने वालों की संख्या 50 के पार
राजधानी दिल्ली में भीषण गर्मी के कारण मरने वालों की संख्या गुरुवार तक कम से कम 53 तक पहुंच गई है. पिछली रात हवा की गतिविधि में उल्लेखनीय वृद्धि के बाद तापमान में हालिया गिरावट के बावजूद, सार्वजनिक अस्पतालों और राज्य सरकार ने अप्रैल के बाद से कई मौतों की पुष्टि की है. हालांकि जानकारों का मानना है कि, दिल्ली में तापमान के कारण लगभग 100 से अधिक मौतें हो सकती हैं, जिनमें से 40 दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल (DDU) में दर्ज की गई हैं.
जेपी नड्डा का स्वास्थ्य विभागों को सख्त निर्देश
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने स्वास्थ्य विभागों के अधिकारियों को हीटवेव से प्रभावित रोगियों के लिए विशेष व्यवस्था का प्रावधान करने के साथ-साथ, हीटस्ट्रोक से संबंधित मौतों के मद्देनजर केंद्रीय अस्पतालों का दौरा करने का निर्देश दिया है. साथ ही साथ नड्डा ने प्रभावित व्यक्तियों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य देखभाल मुहैया कराने के लिए अस्पताल को तैयारी रखने पर फोकस करने की बात कही है.
Source : News Nation Bureau