किसानों के कई संगठनों की ओर से गुरुवार को कृषि कानूनों के विरोध में किए गए प्रदर्शन के बीच, दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर यात्रियों को पूरे दिन भारी ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ा. राष्ट्रीय राजमार्ग-48 पर आने वाले लोग एक्सप्रेसवे पर दिल्ली-गुरुग्राम सीमा के पास फंस गए, क्योंकि दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ रहे किसानों को रोकने के लिए बैरिकेड्स लगा रखे थे. किसान संसद में सितंबर में पारित किए गए केंद्रीय कानूनों का विरोध करते हुए 'दिल्ली चलो' आान के मद्देनजर दिल्ली पहुंचने की कोशिश कर रहे थे.
सुरक्षा व्यवस्था के चलते एहतियात के तौर पर और कोविड-19 संक्रमण पर रोक लगाने के प्रयासों के साथ ही किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए हर वाहन की जांच की जा रही है. दिल्ली-गुरुग्राम सीमा से राष्ट्रीय राजमार्ग पर शंकर चौक तक सैकड़ों वाहनों को कतारबद्ध देखा गया. एहतियात के तौर पर हरियाणा पुलिस भी प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश से रोकने के लिए हर वाहन की जांच कर रही है.
दूसरी ओर, गुरुग्राम जिले में किसान संगठनों द्वारा आंदोलन का प्रभाव नगण्य रहा, क्योंकि जिले भर में कहीं से कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है और दिनभर स्थिति शांतिपूर्ण रही है. विभिन्न किसान निकायों के विरोध को देखते हुए, जिला प्रशासन और गुरुग्राम पुलिस ने जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए विस्तृत व्यवस्था की थी. एहतियात के तौर पर सीमावर्ती इलाकों में ड्यूटी मजिस्ट्रेट, पर्यवेक्षक अधिकारी और ड्यूटी प्रभारी के साथ कई पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था.
जिला प्रवक्ता के अनुसार, पुलिस ने चेक-पोस्ट लगाई और सात बिंदुओं पर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए, जो गुरुग्राम को अन्य जिलों और प्रदेशों से जोड़ते हैं, जिसमें केएमपी एक्सप्रेसवे, सोहना-नूंह सीमा, दिल्ली-गुरुग्राम सीमा पर कपाड़ीवास सीमा, नूंह सीमा शामिल हैं. इसके अलावा एनएच-48, बड़गुर्जर, पचगांव-मोहम्मदपुर अहीर रोड पर होटल बेस्ट वेस्टर्न रिजॉर्ट के पास और पंचगांव चौक के पास भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. जिला प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना को रिकॉर्ड करने के लिए इन सात बिंदुओं पर वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की व्यवस्था भी की थी.
एहतियात के तौर पर तीन रिजर्व फोर्स को भी तैयार रखा गया था, ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें तुरंत रवाना किया जा सके. जिला प्रवक्ता ने कहा, "किसानों के विरोध के बावजूद, स्थिति शांतिपूर्ण रही और सभी सरकारी और निजी कार्यालयों में कामकाज सामान्य दिनों की तरह चला. जिले के बाजार और शॉपिंग मॉल भी आम दिनों की तरह खुले रहे. राज्य परिवहन की बसें और रेल सेवाएं भी बहाल रहीं."
Source : News Nation Bureau