देश के कई हिस्सों में लगातार हो रही भारी बारिश ने लोगों के जीवन की गति कम कर दी है. जगह-जगह होते हादसे और सड़कों पर भरता पानी लोगों की मुश्किलें बढ़ा रहा है. लेकिन क्या इस सीजन बारिश कुछ ज्यादा हुई है. मौसम विभाग की मानें तो लगातार हो रहे क्लाइमेट चेंज की वजह से भारी बारिश दर्ज की गई है. IMD चीफ मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण एजेंसियों को मौसम और बारिश से होने वाली गंभीर घंटनाओं का सटीक पूर्वानुमान लगाने में दिक्कत हो रही है.
तमिलनाडु-कर्नाटक समेत उत्तर भारत में भारी बारिश
मौसम विभाग ने मुताबिक रविवार सुबस पश्चिम बंगाल, कोंकण और गोवा, सौराष्ट्र और कच्छ, ओडिशा, तटीय कर्नाटक, त्रिपुरा और मिजोरम में अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश हुई और हिमाचल प्रदेश, हरियाणा में अलग-अलग जगहों पर भी बारिश देखने को मिली. पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, असम, सिक्किम और तेलंगाना में भी हल्की बारिश दर्ज की गई.
केरल में मिली कुछ राहत
कई दिनों की भारी बारिश के बाद केरल को कुछ राहत मिली क्योंकि राज्य के कई हिस्सों में बारिश थम गई. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने शनिवार को इडुक्की, कोझीकोड, वायनाड, कासरगोड और कन्नूर जिलों में येलो अलर्ट जारी किया था. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश के साथ पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की चेतावनी दी थी.
मामले पर सख्त केरल हाई कोर्ट
इस बीच, केरल हाई कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार को मानसून के दौरान और आस पास के समय में आपदाओं को रोकने के लिए उचित कार्रवाई करनी होगी, इसके साथ दक्षिणी राज्य में बाढ़ राहत गतिविधियों की निगरानी के लिए कोर्ट ने एक जनहित याचिका भी शुरू की है. केरल हाई कोर्ट ने इसपर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और केरल बिजली विभाग को लिस्ट कर याचिका दर्ज करने का निर्देश दिया है. केरल हाई कोर्ट ने अपने बयान में कहा कि, "मॉनसून के दौरान भारी बारिश से भूस्खलन और जगह-जगह पानी रुकने की सम्सयाएं सामने आती हैं जिससे प्रोपर्टी को तो नुकसान होता ही है साथ में आस पास रहने वाले लोगों को भी मुसीबत का सामना करना पड़ता है.
Source : News Nation Bureau