पूरे देश में मॉनसून की शुरुआत हो चुकी है। उत्तर भारत के कई इलाक़ों में रुक-रुक कर बारिश हो रही है। मौसम विभाग की माने तो अगने तीन दिनों तक यूपी के कई इलाक़ों में भारी बारिश हो सकती है।
इससे पहले दिल्ली, यूपी, हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर जैसे कई राज्यों में रुक-रुक कर बारिश हो रही है। कई इलाकों में नदियों का जलस्तर ख़तरे के निशान से ऊपर चला गया है और इलाक़े में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं।
हिमाचल में भारी बारिश की संभावना
हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियों पर अगले एक दिन में बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि निचली और मध्य पहाड़ियों में भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया, 'सोमवार को निचली और मध्य पहाड़ियों में भारी बारिश हो सकती है।'
उन्होंने कहा कि शिमला, नरकंडा, कुफरी, कसौली, चंबा, धर्मशाला, पालमपुर और मनाली के पर्यटक स्थलों में मॉनसून सक्रिय है और अगले कुछ दिनों में यहां बारिश हो सकती है।
इस बीच शनिवार को सिरमौर जिले के नाहन में 65 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो राज्य में सर्वाधिक है।
कांगड़ा जिले के धर्मशाला और पालमपुर में क्रमश 42.8 और 18.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
राज्य की राजधानी में अधिकतम तापमान 23.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शिमला में बीते 24 घंटों में बारिश नहीं हुई है।
दिल्ली में बादल छाए, बारिश के आसार
राष्ट्रीय राजधानी में सुबह से ही बादल छाए हुए हैं। न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री ज्यादा 29 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने कहा, 'आसमान में दिनभर बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश या बूंदाबांदी होने के आसार हैं।'
अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है।
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भारी बारिश से जलाशय लबालब, कर्नाटक को राहत
शुष्क और सूखा प्रवण राज्य कर्नाटक में मॉनसून की अच्छी बारिश होने से कावेरी, तुंगभद्रा और कृष्णा नदी बेसिन में स्थित जलाशयों के भरने से राज्य को राहत मिली है।
कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी केंद्र (केएसएनडीएमसी) के निदेशक जी एस रेड्डी ने बताया, 'मॉनसून मौसम के पहले महीने में राज्य में भारी बारिश अच्छा शकुन है, क्योंकि पेयजल आपूर्ति और खरीफ की फसल की सिंचाई करने वाले जलाशय भर गए हैं।'
रेड्डी ने कहा कि कावेरी बेसिन के जलाशय पिछले 10 वर्षो की तुलना में बेहतर स्तर पर हैं।
राज्य में चार जून से मॉनसून की दस्तक के बाद से कुछ सप्ताहों से हो रही भारी बारिश से काबेरी की प्रमुख सहायक नदियों में से एक कबिनी नदी में मैसुरू जिले में बना कबिनी जलाशय अपनी अधिकतम क्षमता 17 टीएमसी (थाउजेंड मिलियन क्यूबिक फीट) तक भर गया है।
2017 में यह स्तर मुश्किल से चार टीएमसी हो सका था।
इसी प्रकार मांड्या जिले में कावेरी नदी पर बना कृष्णा राज सागर (केआरएस) जलाशय, बेल्लारी जिले में तुंगभद्रा नदी पर बना तुंगभद्रा जलाशय भी उल्लेखनीय रूप से भर गए हैं।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की बेंगलुरू शाखा के अनुसार चार जून से तटीय और मलंद क्षेत्रों में स्थित जिलों में सामान्य से 60 फीसदी बारिश हुई है।
रेड्डी ने कहा, 'मॉनसून राज्य में अभी नरम हो गया है और हम अगले सप्ताह तक इसके फिर से सक्रिय होने की उम्मीद कर रहे हैं। तब बेंगलुरू और इसके आस-पास के जिलों में बारिश होगी।'
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Source : News Nation Bureau