उत्तर और पश्चिम भारत इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में है. इस बीच असम, कर्नाटक और केरल में हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को अस्त व्यस्त कर दिया है. बेंगलुरु में बुधवार को बूंदाबांदी हुई. हालांकि, इससे पहले मंगलवार देर रात शहर में हुई भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. भारी बारिश और जल जमाव की वजह से बेंगलुरु केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (केआईएएल) राजमार्ग पर ट्रैफिक जाम के कारण दो घंटे से अधिक समय तक वाहन सड़कों पर फंसे रहे. इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बेंगलुरु में अगले तीन दिनों तक बारिश की संभावना जताई है. इसके साथ ही आईएमडी ने कर्नाटक के तटीय जिलों और पहाड़ी क्षेत्रों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है.
इन इलाकों में भरा पानी
बेंगलुरु के आरआर नगर स्थित जनप्रिय लेआउट और बेंगलुरु के कई अन्य इलाकों में घरों में नाली का पानी भर गया. वहीं, छह महीने पहले बनी 20 फीट ऊंची परिसर की दीवार भी लगातार बारिश के बाद गिर गई. बेंगलुरु में भारी बारिश से कई मुख्य सड़कों पर पेड़ उखड़ गए, जिससे वाहनों का आवागमन प्रभावित हुआ है. बेंगलुरु शहरी, बेंगलुरु ग्रामीण, चामराजनगर, चिक्कबल्लापुर, चिक्कमगलूर, चित्रदुर्ग, दावणगेरे, हासन, कोडागु, कोलार, मांड्या, मैसूर, रामनगर, शिवमोग्गा और तुमकुरु जिलों के लिए गुरुवार और शुक्रवार के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है. केरल और कर्नाटक के मदिकेरी जिले में हाल ही में लगातार बारिश के बाद, श्रीरंगपटना में कृष्णा राजा सागर बांध में जल स्तर 100 फीट तक पहुंच गया है. 10 साल में पहली बार मई के महीने में जलस्तर इस स्तर पर पहुंचा है.
भारी बारिश से सम में हाहाकार
कर्नाटक के साथ ही असम के कई नए इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने से पहले क मुकाबले प्रभावित लोगों की संख्या दोगुनी होकर चार लाख से अधिक हो गई है, जबकि आपदा के कारण तीन और लोगों की मौत हो गई है, जिससे मरने वालों की संख्या आठ हो गई है. एक सरकारी बुलेटिन ने मंगलवार को बताया कि लगातार बारिश के कारण हुए भूस्खलन से असम के बराक घाटी और दीमा हसाओ जिले और पड़ोसी राज्यों त्रिपुरा, मिजोरम और मणिपुर से रेल और सड़क संपर्क टूट गया है. इसके साथ ही अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में भी भूस्खलन ने कहर बरपाया है. कई इलाकों में सड़क संपर्क भी ठप हो गया. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के बुलेटिन में कहा गया है कि प्रभावित लोगों की संख्या सोमवार को 20 जिलों के 1,97,248 से 26 जिलों में 4,03,352 तक पहुंच गई है. 96,697 प्रभावित लोगों के साथ कछार सबसे अधिक प्रभावित जिला है, जबकि 88,420 और 58,975 लोग क्रमशः बाढ़ की चपेट में हैं. इसके साथ ही भारी बारिश की वजह से दक्षिण के राज्य कर्नाटक के बेंगलुरु में जलभराव हो गया है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के एक बुलेटिन में कहा गया है कि 80,659 बच्चों और 1,39,541 महिलाओं सहित कम से कम 4,03,352 लोग प्रभावित हुए हैं और 26 जिलों के 1,089 गांवों में लगभग 1,900 घर आंशिक रूप से और पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। 39,558 से अधिक लोगों ने 89 राहत शिविरों में शरण ली है।
गृहमंत्री अमित शाह हर संभव मदद का दिया भरोसा
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से फोन पर बाढ़ की स्थिति पर चर्चा की और केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया. गृहमंत्री ने अंग्रेजी और असमिया में अलग-अलग ट्वीट में कहा कि असम के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के मद्देनजर स्थिति को लेकर चिंतित हूं. स्थिति का जायजा लेने के लिए सीएम हिमंत बिस्वा सरमा से बात की. एनडीआरएफ की टीमें पहले से ही तैनात हैं. केंद्र सरकार से हर संभव मदद का आश्वासन दिया.
HIGHLIGHTS
- भारी बारिश से कई मुख्य सड़कों पर पेड़ उखड़ गए, घंटों लगा जाम
- कर्नाटक में लगातार बारिश से 20 फीट ऊंची परिसर की दीवार गिरी
- असम में 39,558 से अधिक लोगों ने 89 राहत शिविरों में ली शरण
Source : News Nation Bureau