Advertisment

अफगानिस्तान में फंसे करीब 500 भारतीयों को बाहर निकालने पर हुई उच्च स्तरीय बैठक

अफगानिस्तान में फंसे भारतीय लोगों को एयरलिफ्ट करने की कोशिशें जारी हैं. बताया जा रहा है कि भारत के करीब 500 अफसर और सिक्योरिटी से जुड़ा स्टाफ और नागरिक यहां फंसे हैं.

author-image
Pradeep Singh
New Update
Untitled

काबुल एयरपोर्ट का एक दृश्य( Photo Credit : फाइल फोटो.)

Advertisment

अफगानिस्तान में कई देशों ने अपना दूतावास बंद करके अपने राजनयिकों और अधिकारियों को वापस बुला लिया है. लेकिन कई देशों के अधिकारी और कर्मचारी अभी वहां फंसे हैं.अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, न्यूजीलैंड समेत अन्य देश भी अफगानिस्तान से अपने लोगों को निकालने में जुटे हैं. अफगानिस्तान में करीब 500 भारतीय फंसे हैं. ये विदेश सेवा से जुड़े अधिकारी, कर्मचारी और सिक्योरिटी से जुड़ा स्टाफ है. उन्हें भारत लाने की कोशिश जारी है. भारतीय नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश लाने के लिए दिल्ली में एक हाई लेवल बैठक हुई. इसमें भारतीय दूतावास और वहां रह रहे कर्मचारियों के विकल्पों और भविष्य पर चर्चा हुई. उधर, भारतीय दल अफगानिस्तान में मौजूद अधिकारियों से बात कर रहे हैं, ताकि वे भारत के लिए उड़ान भरने के लिए एयरपोर्ट आ सकें.   

अफगानिस्तान में एक बार फिर तालिबानी युग की वापसी हो गई है. ऐसे में अफगानिस्तान के हजारों लोग दूसरे देशों में भागकर शरण लेने की कोशिश में जुट गए हैं. वहीं, भारत, अमेरिका समेत अन्य देशों ने भी अपने लोगों को वापस बुलाना शुरू कर दिया है.    

काबुल एयरपोर्ट पर अफरा तफरी मची थी. एयरपोर्ट पर भारी भीड़ देखी जा रही है. काबुल पर तालिबान का कब्जा हो गया है. राष्ट्रपति अशरफ गनी सुरक्षित अफगानिस्तान से पलायन कर गए हैं. लेकिन अभी तक काबुल एयरपोर्ट अमेरिकी सुरक्षाबलों के कब्जे में है. जिसके कारण अभी यहां से दूसरे देशों के लिए विमान जा रहे हैं. काबुल एयरपोर्ट पर कई देशों की सेना मौजूद है, जो अपने नागरिकों को निकालने के लिए आई है. अमेरिका ने हाल ही में अपने लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए 500 सैनिकों को भेजने का फैसला किया है.

यह भी पढ़ें: अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी 4 कारों और नकदी से भरा हेलीकॉप्टर लेकर भागे

अफगानिस्तान के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय सुलह के लिए उच्च परिषद के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने एक वीडियो क्लिप में कहा है कि गनी ने अफगानिस्तान छोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि गनी ने अफगानिस्तान के लोगों को संकट और दुख में छोड़ दिया है और उन्हें राष्ट्र द्वारा आंका जाएगा. वीओए ने बताया कि गनी, अपने उपाध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ, रविवार को देश से बाहर चले गए और इस प्रकार से उन्होंने तालिबान विद्रोहियों के लिए अफगानिस्तान में सत्ता हासिल करने के लिए मंच तैयार कर दिया है.

HIGHLIGHTS

  • अफगानिस्तान में एक बार फिर हुई तालिबानी युग की वापसी
  • अभी तक काबुल एयरपोर्ट अमेरिकी सुरक्षाबलों के कब्जे में
  • अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, न्यूजीलैंड अफगानिस्तान से अपने लोगों को निकालने में जुटे

 

afganistan President of Afganistan 500 Indians trapped in Afghanistan Ashraf Gani
Advertisment
Advertisment