कर्नाटक (Karnataka) में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने का मामला अभी भी विवादों में घिरा हुआ है. आज यानि मंगलवार को हाईकोर्ट (High Court) भी इस मुद्दे पर सुनवाई करने वाला है. राज्य के सीएम बासवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) ने भी जूनियर कॉलेज के छात्रों से मामला खत्म होने तक यूनिफॉर्म को लेकर सरकार की तरफ से जारी नियमों का पालन करने को कहा. उडुपी से शुरू विवाद अब राज्य के कई जिलों तक फैल चुका है.कर्नाटक में यह विवादित मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा है. मुस्लिम लड़कियों का एक वर्ग कॉलेज में हिजाब पहनने पर अड़ा हुआ है. वहीं राज्य सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों के लिए वर्दी को अनिवार्य कर दिया है. राज्य में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जहां पर मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर महाविद्यालयों में कक्षाओं में जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है. वहीं हिजाब के जवाब में हिंदू छात्र भगवा शॉल लेकर शैक्षणिक संस्थान आ रहे हैं.
क्या था मामला
लगभग एक माह पहले, उडुपी स्थित सरकारी कॉलेज में हिजाब पहनते हुए 6 छात्राओं को कक्षा में जाने से रोका गया. छात्राओं ने कॉलेज के बाहर ही इस फैसले का विरोध किया. इस विरोध में शामिल एक छात्रा ने कर्नाटक हाईकोर्ट का भी रुख किया था. वहीं,अन्य छात्राओं का दावा है कि कक्षा में हिजाब पहनने से रोकने के कारण उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है.
Karnataka: Students wearing hijab allowed entry into the campus of Government PU College, Kundapura today but they will be seated in separate classrooms. Latest visuals from the campus. pic.twitter.com/rEE8HfVzR1
— ANI (@ANI) February 7, 2022
सीएम ने छात्राओं से शांति बनाए रखने की अपील की
कर्नाटक में ‘हिजाब’ पहनने को लेकर विवाद सोमवार को बढ़ता हुआ दिखाई दिया. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने इस दौरान छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की. राज्य के उडुपी जिले के कुंडापुर के एक कॉलेज के प्रधानाध्यापक ने हिजाब पहनने वाली छात्राओं से बातचीत की. उन्हें सरकार के आदेश के बारे में बताया. इसके बावजूद छात्राएं हिजाब पहनने की अपनी मांग को लेकर अड़ी रहीं और उन्हें उनके लिए आवंटित एक अलग कमरे में जाने को कहा गया. इस दौरान शिक्षा मंत्री बी सी नागेश का कहना है कि हिजाब पहनने की मांग करने वाली छात्राओं को सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश नहीं दिया जाएगा.
Source : News Nation Bureau