Hijab ban in educational institutes : कर्नाटक हिजाब विवाद के चलते आर्टिकल-14 कानून के समक्ष समानता पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को बहस हुई. कर्नाटक सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी है कि आर्टिकल-14 में सभी को कानून का समान संरक्षण दिया जाता है. किसी के साथ अलग से व्यवहार नहीं किया जाता है. सभी छात्रों के लिए कक्षा एक समान है, सभी वहां समान हैं, लेकिन वहां धार्मिक प्रतीक का इस्तेमाल उन्हें बांटेगा.
एसजी तुषार मेहता ने SC में आगे कहा कि अगर आर्टिकल 14 का पालन नहीं हुआ तो कोई गमछा लगाकर आएगा तो कोई कैप लगाएगा. आर्टिकल 14 आर्टिकल 25 (धर्म के प्रचार की आजादी) को रेगुलेट करता है. पक्षकारों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई को जारी रखने के लिए गुरुवार की तारीख दी है. सुप्रीम कोर्ट में कल एक बार फिर इसी मुद्दे पर बहस होगी.
आपको बता दें कि एसजी तुषार मेहता ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कई उदाहरणों से साबित करने का प्रयास किया था कि हिजाब कोई आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है. 2021 तक हिजाब मुद्दा नहीं था, न छात्राएं हिजाब पहनती थीं, न ही यह सवाल कभी उठा. अभी तक स्कूलों में यूनिफॉर्म कोड का एक समान अनुशासन के साथ निष्ठापूर्वक पालन किया जा रहा था, लेकिन सरकार के सर्कुलर की आड़ में सोशल मीडिया पर "पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया" PFI नामक संस्था द्वारा इसे आंदोलन बनाने की कोशिश की गई.
Source : News Nation Bureau