हिजाब विवाद (Hijab Row) में कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) में सुनवाई जारी है. इस मामले में गवर्नमेंट पीयू कॉलेज की तरफ से पक्ष रख रहे सीनियर एडवोकेट एस नगानंद (Sr Advocate S Naganand) ने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि सड़कों पर हो रहे प्रदर्शन से समाज में अस्थिरता फैल रही है. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को समाज को तोड़ने से रोका जाना चाहिए. सीनियर एडवोकेट ने हाई कोर्ट से कहा कि हमारा समाज बेहद सभ्य समाज है. हम सब प्रेम से मिल जुल कर रहते हैं.
हाई कोर्ट में अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए सीनियर एडवोकेट एस नगानंद ने कहा कि उडूपी (Udupi) की बात करें तो मैं खुद जानता हूं कि कृष्णा मठ (Krishna Matha) और उसके आस पास के इलाकों में भारी संख्या में मुस्लिम रहते हैं, लेकिन वहां कभी कोई बवाल नहीं हुआ. सब एक-दूसरे के साथ मिल कर रहते हैं.
इससे पहले, मंगलवार को कर्नाटक सरकार के एडवोकेट जनरल ने हाई कोर्ट में कहा था कि कैंपस में हिजाब पहनने पर कोई रोक नहीं है, ये रोक सिर्फ क्लास रूम और कक्षाओं के समय तक ही है. सरकार ने हाई कोर्ट में कहा है कि कर्नाटक एजुकेशन एक्ट (Karnataka Education Act) में शिक्षण संस्थानों में यूनिफॉर्म तय करने की आजादी शिक्षण संस्थानों को दी गई है, लेकिन इस एक्ट के 11वें नियम में ये भी साफ साफ लिखा है कि संस्थान विशेष परिस्थितियों में सर को ढंकने वाले परिधानों पर रोक लगा सकती है.
हिजाब विवाद में हाई कोर्ट में सरकार ने अब तक क्या-क्या कहा?
इस मामले में सुनवाई कई दिनों से चल रही है. मंगलवार को सरकार की तरफ से पक्ष रख रहे एडवोकेट जनरल प्रभुलिंग नवादगी ने कहा कि कर्नाटक शिक्षण संस्थानों से संबंधित कानून (क्लासिफिकेशन एंड रजिस्ट्रेशन रूल्स) में नियम नंबर 11 में ये साफ-साफ लिखा है कि संस्थान वाजिब वजहों से जरूरत पड़ने पर सर को ढंक सकने वाले किसी भी परिधान/हेडगियर/हेल्मेट/कैप/हैट पर रोक लगा सकते हैं. ये प्रतिबंध क्लास रूम या क्लास के समय लागू हो सकते हैं. इसके अलावा हिजाब पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है. उन्होंने हाई कोर्ट को बताया कि कैंपस में हिजाब पर कोई रोक नहीं है. बता दें कि हाई कोर्ट हिजाब विवाद में दायर कई याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है.
HIGHLIGHTS
- हिजाब विवाद पर हाई कोर्ट में सुनवाई जारी
- गवर्नमेंट पीयू कॉलेज का पक्ष रख रहे सीनियर एडवोकेट एस नगानंद
- हमारा समाज बेहद सभ्य और शांतिप्रिय
Source : News Nation Bureau