अयोध्या नगरी में 22 जनवरी को हो रहे राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार करने के बाद कांग्रेस पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा (Himanta Biswa Sarma) भड़क उठे हैं. सरमा ने कहा कि उन्हें बुलाना भी नहीं चाहिए था. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरमा ने कहा, ''मेरे विचार से तो कांग्रेस को कार्यक्रम के लिए कतई निमंत्रण नहीं देना चाहिए था. बावजूद इसके उनको पापों को सुधारने के लिए विश्व हिंदू परिषद की ओर से सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ, लेकिन उन्होंने इसको भी गंवा दिया और अपने पापों को कम करने से चूक गए. उन पर मुझको दया आती है, साथ ही दु:ख भी होता है.'
#WATCH | On Congress rejecting Ram Temple invitation, Assam CM & BJP leader Himanta Biswa Sarma says, "In my view, they should not have been invited at all. But VHP gave them a golden opportunity to repair some of their sins. But they missed the bus. I feel pity and sad for… pic.twitter.com/Ocx8cduM2e
— ANI (@ANI) January 11, 2024
हिमंत बिस्व सरमा ने एक्स पर लिखा, 'विश्व हिंदू परिषद ने अपने नेतृत्व में श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होने का निमंत्रण देकर कांग्रेस पार्टी को अपने पाप कम करने का सुनहरा अवसर दिया.' उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस इस निमंत्रण को स्वीकार कर 'हिंदू समाज' से माफी मांगनी सकती थी.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश के बयान को शेयर किया
उन्होंने कहा, 'पंडित नेहरू ने सोमनाथा मंदिर के साथ जैसा किया था, वर्तमान कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने भी राम मंदिर के साथ भी वैसा ही किया. देश की जनता और इतिहास उनको हिंदू विरोधी पार्टी के रूप में आंकती रहेगी.'' सरमा ने अपने पोस्ट के साथ कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश की ओर से जारी बयान को शेयर किया. इसमें पार्टी के नेताओं सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और अधीर रंजन चौधरी को मिले आमंत्रण को अस्वीकार करने की बात कही गई थी.
Source : News Nation Bureau