Hindon-Adani Dispute: सुप्रीम कोर्ट ने सील बंद लिफाफे पर विचार से किया इनकार, बताई ये बड़ी वजह

Hindon-Adani Dispute : सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को हिंडनबर्ग-अडानी मामले की सुनवाई हुई. भारत सरकार की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष हिंडनबर्ग-अडानी मामले की जांच के लिए कमेटी के अधिकार क्षेत्र के संबंध में सुझाव वाले दस्तावेज एक सीलबंद कवर में दाखिल किया, लेकिन कोर्ट ने सील बंद लिफाफे पर विचार करने से इनकार कर दिया है.

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Deepak Pandey
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सुप्रीम कोर्ट( Photo Credit : File Photo)

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Hindon-Adani Dispute : सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को हिंडनबर्ग-अडानी मामले की सुनवाई हुई. भारत सरकार की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष हिंडनबर्ग-अडानी मामले की जांच के लिए कमेटी के अधिकार क्षेत्र के संबंध में सुझाव वाले दस्तावेज एक सीलबंद कवर में दाखिल किया, लेकिन कोर्ट ने सील बंद लिफाफे पर विचार करने से इनकार कर दिया है. इस पर SG ने कहा कि जांच ऐसी हो जिससे ये ना लगे कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कोई जांच हो रही है और मार्केट पर जीरो इम्पेक्ट हो. इस पर SC ने कहा कि निवेशकों के हितों की रक्षा करने और उस प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बरतने के लिए सरकार द्वारा सुझाए गए किसी नाम को कमेटी में नहीं रखेंगे. 

प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट से पता चलता है कि कई शैल कंपनियों का स्वामित्व अडानी समूह के प्रमोटर के भाई के पास था. अडानी समूह में हिस्सेदारी का प्रतिशत सेबी की ओर से निर्धारित अधिकतम 75% से अधिक था और फंडों को बढ़ाने के लिए हेराफेरी किया जा रहा था, इसलिए हम अडानी समूह मामले की एसआईटी जांच और बैंकों की भूमिका की भी जांच की मांग करते हैं.

इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है. CJI ने कहा कि हम चाहते हैं कि इस मामले में पूरी तरह पारदर्शिता हो, हम अपनी कमेटी नियुक्त करेंगे. इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट चाहे तो रिटायर जज की निगरानी में कमेटी बना सकता है, हम यह आप पर छोड़ते हैं. उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य है सच सामने आए और समस्या को समग्रता से देखा जा सके.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निवेशकों के हितों की रक्षा करने और उस प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बरतने के लिए सरकार द्वारा सुझाए गए किसी नाम को कमेटी में नहीं रखेंगे. उन्होंने ने कहा कि हम केंद्र सरकार की सील कवर सुझाव को स्वीकार नहीं करेंगे. हम मामले को पूरी तरह से पारदर्शी रखना चाहते हैं. SC ने कहा कि अगर हम सील कवर के सुझाव को स्वीकार करेंगे तो लोग यह समझेंगे कि सरकार द्वारा नियुक्त कमेटी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर हम आपके सुझावों को मानते हैं तो यह दूसरों को भी बताना होगा.

प्रशांत भूषण ने अडानी कंपनियों के शेयर की बढ़ी हुई कीमत की जांच करने और फंड के डाइवर्जन का पता लगाने की मांग की, इसके लिए हम सुप्रीम कोर्ट के कुछ रिटायर जजों के नाम का सुझाव देना चाहते हैं.  प्रशांत भूषण द्वारा जजों के नाम का सुझाव देने का सॉलिसिटर जनरल ने विरोध किया है.

कांग्रेस नेता जया ठाकुर के वकील ने गौतम अडानी, राजेश अडानी के खिलाफ जांच की मांग की है और कहा कि गौतम अडानी के भाई को कई बार गिरफ्तार भी किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी नियुक्त करने के मुद्दे पर फैसला सुरक्षित रखा. हालांकि आज केंद्र सरकार की ओर से सील बंद लिफाफे में दिए गए कमेटी के नामों पर सुप्रीम कोर्ट ने विचार करने से मना किया, अब सुप्रीम कोर्ट उस कमेटी का ढांचा, मेंबर्स खुद नियुक्त करने पर विचार करेगी. मांग उठी कि सुप्रीम कोर्ट के किसी वर्तमान जज को भी कमेटी में शामिल किया जाए, इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि ये व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है.

Source : News Nation Bureau

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