कनाडा सिखों और हिंदुओं सहित 20,000 अफगानी नागरिकों को पुनर्वास के लिए स्वीकार करेगा।
यह फैसला ऐसे समय पर लिया जा रहा है, जब तालिबान लड़ाकों ने युद्धग्रस्त अफगानिस्तान के प्रमुख हिस्सों पर नियंत्रण हासिल कर लिया है।
शुक्रवार को एक सरकारी बयान में कहा गया, वहां, यहां और दुनिया भर में हमारी टीमें अधिक से अधिक लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही हैं।
इमिग्रेशन मिनिस्टर मार्को मेंडिसिनो ने कहा, हम 20,000 अफगान शरणार्थियों की मदद करने के अपने प्रयासों को दोगुना कर रहे हैं - जो जहां भी जाते हैं असुरक्षित रहते हैं। अफगानिस्तान की स्थिति दिल दहला देने वाली है और कनाडा सुस्त खड़ा नहीं होगा।
कनाडा सरकार ने कहा कि वह कनाडा में सैकड़ों उत्पीड़ित अफगान सिखों और हिंदुओं को फिर से बसाने के लिए अल्बर्टा में मनमीत सिंह भुल्लर फाउंडेशन के साथ अपनी साझेदारी का विस्तार कर रही है।
भारत-कनाडाई समुदाय के समर्थन से कनाडा में अफगान सिख और हिंदू परिवारों को फिर से बसाने के लिए फाउंडेशन की शुरुआत 2014 में अल्बर्टा के दिवंगत मंत्री मनमीत सिंह भुल्लर द्वारा की गई थी, जिनकी 2015 में 35 साल की उम्र में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।
फाउंडेशन पहले ही अफगानिस्तान से दर्जनों हिंदू/सिख परिवारों को ला चुका है।
रक्षा मंत्री हरजीत सज्जन ने कहा, दुनिया भर के लोग जानते हैं कि वे जरूरत के समय कनाडा का समर्थन करने के लिए, उस पर भरोसा कर सकते हैं और कनाडा कमजोर अफगानों के लिए खड़ा होगा।
1990 के दशक के मध्य में तालिबान के देश पर अधिकार करने से पहले अफगानिस्तान में 200,000 से अधिक हिंदू और सिख थे। मगर अधिकारों का हनन, जबरन धर्मांतरण और घातक हमलों ने हजारों हिंदू और सिखों को अफगानिस्तान से भागने के लिए मजबूर किया है।
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Source : IANS