पश्चिम बंगाल में हिंदुत्ववादी समूहों, तृणमूल ने फिर निकाले रामनवमी के जुलूस

भगवा ध्वज, माथे पर भगवा पट्टी, धार्मिक गीत-संगीत और भगवान राम के नाम के जयकारे के साथ हजारों हिंदू दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं और इनके समर्थकों ने पश्चिम बंगाल में रविवार को लगातार दूसरे दिन रामनवमी के जुलूस निकाले.

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nitu pandey
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पश्चिम बंगाल में हिंदुत्ववादी समूहों, तृणमूल ने फिर निकाले रामनवमी के जुलूस

फाइल फोटो

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भगवा ध्वज, माथे पर भगवा पट्टी, धार्मिक गीत-संगीत और भगवान राम के नाम के जयकारे के साथ हजारों हिंदू दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं और इनके समर्थकों ने पश्चिम बंगाल में रविवार को लगातार दूसरे दिन रामनवमी के जुलूस निकाले. कोलकाता के कई हिस्सों और विभिन्न जिलों में विश्व हिंदू परिषद (विहिप), बजरंग दल और हिंदू जागरण मंच जैसे कई दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों ने जुलूस निकाले. इनमें से कई में भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों ने अपने-अपने इलाकों में हिस्सा लिया.

विहिप ने इस साल पश्चिम बंगाल में इस अवसर पर सात सौ रैलियां करने की योजना बनाई है. संस्था ने बताया कि रविवार को कोलकाता में दोपहर बाद तक रामनवमी के बारह बड़े जुलूस निकाले जा चुके थे, कई अन्य निकाले जाने बाकी हैं.

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विहिप की बंगाल इकाई के प्रवक्ता सौरिश मुखर्जी ने कहा, 'कोलकाता में रामनवमी के 12 बड़े जुलूस अब तक निकाले जा चुके हैं. जिलों में भी कई जुलूस निकाले गए हैं. हम निश्चिंत हैं कि बंगाल में सात सौ रैलियां निकालने के लक्ष्य को हासिल कर लेंगे.'

उन्होंने कहा कि अधिकांश जुलूस शांतिपूर्वक निकले. केवल कोलकाता के महामिलन मठ में प्रशासन द्वारा एक प्रस्तावित बाइक रैली की अनुमति नहीं देने पर पुलिस और रैली में भाग लेने वालों के बीच मामूली झड़प हुई.

यह पूछने पर कि चुनाव से पहले इन जुलूसों में भाजपा प्रत्याशियों की भागीदारी का क्या राजनैतिक अर्थ है, उन्होंने कहा कि रामनवमी के अवसर का राजनैतिकरण ठीक नहीं है, उनके संगठन ने किसी भी राजनैतिक दल या नेता को रैलियों में भाग लेने के लिए आमंत्रित नहीं किया था.

उन्होंने कहा, 'हमने हमेशा यह कहा है कि वीएचपी किसी राजनैतिक व्यक्ति को रैलियों में आमंत्रित नहीं करती. अगर कोई श्रद्धालु हिंदू शामिल होना चाहता है तो उसका स्वागत है. हमें लोगों की राजनीति से कोई मतलब नहीं है. रामनवमी पूरे देश में सदी पुरानी परंपरा है और इसे राजनैतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए.'

उन्होंने कहा कि सोमवार को भी कुछ जुलूस निकाले जाएंगे.

कोलकाता के अलावा रामनवमी के जुलूस हुगली, हावड़ा, 24 उत्तर परगना और पश्चिम बंगाल के कई जिलों में भी निकाले गए.

हालांकि, शनिवार की तरह, जब राज्य भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष समेत कई श्रद्धालु जुलूसों में तलवार और गदा लहराते नजर आए थे, रविवार को हथियारों के साथ रैलियां नहीं निकाली गईं.

उत्तरी कोलकाता से भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी राहुल सिन्हा ने एक विशाल जुलूस का नेतृत्व किया जिसमें आगे-आगे लोग भगवान राम और उनके शिष्य हनुमान की वेशभूषा में चल रहे थे. ऐसे ही दक्षिण कोलकाता सीट से भाजपा प्रत्याशी अनुपम हाजरा भी सिर पर भगवा पट्टी बांधकर एक जुलूस में शामिल हुए. हाजरा हाल में तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए हैं.

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पश्चिम बंगाल में भाजपा की महिला इकाई की अध्यक्ष और हुगली सीट से प्रत्याशी लॉकेट चटर्जी ने सौ बाइक वाली रैली की अगुवाई की.

भाजपा की काट के लिए तृणमूल कांग्रेस ने भी कोलकाता और इसके आसपास के उपनगरों में रामनवमी के जुलूस निकाले जिनका नेतृत्व राज्य के मंत्रियों व पार्टी नेताओं ने किया.

हावड़ा के लिलुआह में मंत्री अरुप रॉय ने एक रंगारंग जुलूस निकाला जिसमें प्रतिभागी जय श्री राम के नारे लगा रहे थे.

उत्तर बंगाल के सिलिगुड़ी में राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देब और खेल राज्य मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ला ने ऐसे ही जुलूस में हिस्सा लिया.

मध्य कोलकाता में ढोल नगाड़े और घोड़ों के सजे हुए रथों के साथ जुलूस में तृणमूल सांसद स्मिता बख्शी शमिल हुईं.

Source : IANS

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