करतारपुर गलियारा परियोजना को हकीकत में तब्दील करने के लिये कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को ‘असली नायक’ बताने वाले कई होर्डिंग शहर में सामने आये जिन्हें बुधवार को कुछ अज्ञात व्यक्तियों और नगरपालिका के कर्मचारियों ने जल्दबाजी में उतार दिये. होर्डिंग मंगलवार को सामने आये थे. इन होर्डिंग में सिद्धू को परियोजना को हकीकत में तब्दील करने का श्रेय दिया गया था, जो सिख श्रद्धालुओं को सीमापार पाकिस्तान स्थित करतारपुर गलियारे तक आसान पहुंच प्रदान करेगा.
होर्डिंग में खान के बगल में सिद्धू की तस्वीर भी दिख रही थी. इसमें गुरुमुखी में लिखा था, ‘‘सिद्धू और इमरान खान करतारपुर गलियारा परियोजना को एक वास्तविकता बनाने के असली नायक हैं..श्रेय उन्हें जाता है.’’ यद्यपि शहर में होर्डिंग सामने आने के एक दिन बाद ही अमृतसर नगर निगम के कर्मचारियों के साथ कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने उन्हें हटा दिया. नौ नवम्बर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डेरा बाबा नानक में करतारपुर गलियारे का उद्घाटन करेंगे. शहर में सिद्धू और इमरान खान को करतारपुर गलियारा परियोजना के असली नायक बताने वाले होर्डिंग सिद्धू के कट्टर समर्थक एवं नगर निगम पार्षद हरपाल सिंह वरका द्वारा लगाये गये थे जिसमें उनकी भी तस्वीर थी. वरका ने कहा कि उन्होंने होर्डिंग विभिन्न प्रमुख स्थलों पर लगायी थी.
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इनमें रंजीत एवेन्यू, मॉल रोड और अमृतसर पूर्व विधानसभा क्षेत्र शामिल था जहां से सिद्धू विधायक हैं. हरपाल सिंह ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने मित्र सिद्धू को पाकिस्तान में अपने शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित किया था जिस दौरान सिद्धू ने खान को सिख श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर गलियारा खोलने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कई होर्डिंग लगाये थे क्योंकि मैं गलियारा खोलने में सिद्धू की भूमिका के बारे में लोगों को संदेश देना चाहता था.’’ उन्होंने कहा कि सिद्धू एकमात्र ऐसे भारतीय नेता हैं जिन्हें दो दिन पहले गलियारे के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए खान से आमंत्रण मिला.
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आपको बता दें कि गत वर्ष इस्लामाबाद में इमरान खान के शपथ ग्रहण के दौरान पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को गले लगाने के लिए सिद्धू की आलोचना हुई थी. सिद्धू ने हालांकि इसका बचाव करते हुए कहा था कि उन्होंने यह जानने के बाद भावावेश में बाजवा को गले लगा लिया था कि सिख श्रद्धालुओं को अब सीमापार स्थित करतारपुर जाने की इजाजत दी जा सकती है.