जम्मू-कश्मीर में बीते दिनों एक के बाद एक तीन आतंकी हमलों के बाद मोदी सरकार बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रही है. यहां की सुरक्षा को लेकर रविवार यानि आज नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाई लेवल की मीटिंग की. इस दौरान गृह मंत्री शाह ने एजेंसियों को निर्देश दिए कि वे एरिया डोमिनेशन प्लान और जीरो टेरर प्लान के जरिए कश्मीर घाटी में हासिल सफलताओं को जम्मू में भी दोहराने का प्रयास करें. इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह के अलावा एनएसए अजित डोभाल, एलजी मनोज सिन्हा, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, आईबी निदेशक तपन डेका, सीआरपीएफ के डीजी अनीश दयाल सिंह शामिल हुए
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प्रदेश की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की
गृह मंत्री ने केंद्र शासित प्रदेश की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की. अमरनाथ यात्रा के लिए पूर्ण सुरक्षा कवर, यात्रा मार्गों पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था, राजमार्गों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात करने, जम्मू-कश्मीर में सभी तीर्थस्थलों, पर्यटन स्थलों पर चौकसी बरतने का आह्वान किया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को जम्मू-कश्मीर पर एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की. इसमें अमरनाथ की आगामी वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था और हाल के आतंकवादी हमलों के मद्देनजर जम्मू क्षेत्र में मौजूदा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई. शाह ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्र शासित प्रदेश के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों को जम्मू क्षेत्र में उभरते आतंकवाद को कुचलने और किसी भी कीमत पर इसे फिर से पनपने नहीं देने का निर्देश दिया. इसके साथ ही यात्रा के लिए पूर्ण सुरक्षा कवर पर जोर दिया.
सुरक्षा स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी
सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्री शाह ने हाल ही में आतंकवादी हमलों में हुई वृद्धि के मद्देनजर जम्मू क्षेत्र में मौजूदा सुरक्षा स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने कहा, "गृह मंत्री को जम्मू में मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य के बारे में जानकारी दी गई. उन्होंने शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों को जम्मू में सक्रिय आतंकवादियों और उनका समर्थन करने वाले तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया."
खुफिया जानकारी जुटाने का निर्देश
गृह मंत्री ने शिव कोहरी तीर्थयात्रियों पर हमले पर चिंता व्यक्त की और वैष्णो देवी, शिव कोहरी और अन्य तीर्थस्थलों पर आने वाले तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए समन्वित प्रयासों का आह्वान किया. उन्होंने सुरक्षा अधिकारियों को सुरक्षा बलों और तीर्थयात्रियों की आवाजाही की सुरक्षा के लिए राजमार्गों और संवेदनशील बिंदुओं पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया." उन्होंने कहा कि जम्मू में आतंकवादियों का समर्थन करने वाले तत्वों से "कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए और किसी भी कीमत पर क्षेत्र में आतंकवाद को पनपने नहीं दिया जाना चाहिए." सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री ने सुरक्षा के शीर्ष अधिकारियों को जम्मू में सक्रिय आतंकवादियों तक पहुंचने के लिए मानव खुफिया जानकारी जुटाने का निर्देश दिया.
वार्षिक यात्रा 29 जून को शुरू होगी
उन्होंने उन बिंदुओं को बंद करने पर भी जोर दिया, जहां से विदेशी आतंकवादी इस तरफ घुसने में कामयाब रहे हैं. मंत्री ने आगामी अमरनाथ यात्रा के लिए "बहु-स्तरीय सुरक्षा कवर" लगाने का भी आह्वान किया. इस बात पर जोर दिया कि "हर एक यात्री की सुरक्षा की जानी चाहिए और तीर्थयात्रा सुरक्षित सुरक्षा वातावरण में आयोजित की जानी चाहिए." गृह मंत्री ने आधार शिविरों तक यात्रा मार्गों की सुरक्षा की आवश्यकता पर भी जोर दिया. वार्षिक यात्रा 29 जून को शुरू होगी और 19 अगस्त को समाप्त होगी.
स्थलों की सुरक्षा की योजना पर भी चर्चा
बैठक में कश्मीर और जम्मू में सभी पर्यटक स्थलों और स्थलों की सुरक्षा की योजना पर भी चर्चा की गई. और आतंकवादियों की ओर से संभावित हमलों को रोकने के उपायों को भी दुरुस्त किया गया. गृह मंत्री ने कश्मीर में शांतिपूर्ण स्थिति और स्थानीय आतंकवादियों की भर्ती के अब तक के सबसे कम ग्राफ पर संतोष व्यक्त किया. उन्होंने जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव के सुचारू और शांतिपूर्ण संचालन के लिए सुरक्षा एजेंसियों की भी सराहना की, जिसमें लोगों की रिकॉर्ड भागीदारी देखी गई. गृहमंत्री ने कहा, यह कहा जा सकता है कि आज की बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिल्ली में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता करने के कुछ दिनों बाद हुई है. इसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर में विदेशी आतंकवाद को कुचलने के लिए "संसाधनों के पूर्ण स्पेक्ट्रम" का उपयोग करने का आह्वान किया था.
Source : News Nation Bureau