केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को आंतरिक सुरक्षा और नक्सली मुद्दे पर एक उच्चस्तरीय बैठक की. बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार(एनएसए) अजित डोभाल, खुफिया ब्यूरो प्रमुख राजीव जैन, केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा, संयुक्त सचिव(नक्सली) और गृह मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. 40 मिनट की बैठक में, शाह को नक्सल प्रभावित राज्यों समेत देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था के बारे में बताया गया. इन नक्सल प्रभावित इलाकों में हुए कई हमलों में दर्जनों अर्धसैनिक बल शहीद हुए हैं और कई नागरिकों की मौत हुई है.
सूत्रों के अनुसार, बैठक में नक्सलियों के वित्तीय श्रोतों पर लगाम कसने और उनके नेताओं की संपत्तियों को जब्त करने पर चर्चा हुई. पूर्व गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दावा किया था कि नक्सलियों को नई बनी संरचनाओं से पीछे धकेल दिया गया है और नक्सल प्रभावित इलाकों में हिंसा की घटनाओं में 60 प्रतिशत तक कमी आई है, इसके बावजूद गृह मंत्रालय के समक्ष नक्सली समस्या एक बड़ी चुनौती बनी हुई है.
खुफिया एजेंसियों के अनुसार, सरकार ने 44 जिलों को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की सूची से हटा दिया है, लेकिन अब चार राज्यों- छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड और महाराष्ट्र में नक्सलियों के फिर से एकत्रित होने का खतरा बढ़ गया है. इस वर्ष भाजपा विधायक भीमा मांडवी और उनके चार सुरक्षाकर्मी छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सली हमले में मारे गए थे. इसके अलावा महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में आईईडी विस्फोट में 15 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे.
बेहतर कनेक्टिविटी के लिए केंद्र सरकार ने 10 नक्सल प्रभावित राज्यों में 4,072 मोबाइल फोन टॉवर लगाने की योजना बनाई है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसके लिए इन राज्यों के 96 जिलों में पहले ही 7,330 करोड़ रुपये की स्वीकृति दे दी है.
HIGHLIGHTS
- गृहमंत्री अमित शाह ने की बैठक
- आंतरिक सुरक्षा और नक्सल समस्या पर की बैठक
- 44 जिलों को नक्सल प्रभावित सूची से हटाया गया
Source : IANS