केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और कहा कि देश की एकता व अखंडता के लिए उनका समर्पण और बलिदान देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा. शाह ने ट्वीट कर कहा, ‘‘डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के रूप में देश को एक ऐसा दूरदर्शी नेता मिला जिसने भारत की समस्याओं के मूल कारणों और उसके स्थायी समाधान पर जोर दिया और उनके लिए जीवन पर्यन्त संघर्ष किया।’’ मुखर्जी हाल ही जम्मू एवं कश्मीर से हटाए गए अनुच्छेद 370 के मुखर विरोधी थे. वे चाहते थे कि कश्मीर पूरी तरह से भारत का हिस्सा बने और वहां अन्य राज्यों की तरह समान क़ानून लागू हो.
शाह ने कहा, ‘‘कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाए रखने एवं देश की एकता और अखंडता के लिए उनका समर्पण और बलिदान देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा.’’ उन्होंने कहा कि ‘‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद’’ पर केन्द्रित जनसंघ और आज की भारतीय जनता पार्टी मुखर्जी की ही दूरदर्शिता का परिणाम है. जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष रहे मुखर्जी का जन्म आज ही के दिन वर्ष 1901 में कलकत्ता (अब कोलकाता)में हुआ था.
जनसंघ का बाद में जनता पार्टी में विलय हो गया और फिर पार्टी के बिखराव के बाद 1980 में भाजपा का गठन हुआ. पूर्व भाजपा अध्यक्ष ने शिक्षा और औद्योगिक क्षेत्र में सुधार के लिए मुखर्जी के प्रयासों को महती करार दिया और कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता और शोध कार्यों के भी वे बहुत बड़े पक्षधर थे.
Source : News Nation Bureau