केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को हथियार खरीद में प्राथमिकता नहीं मिलती है। उन्होंने कहा कि इसकी खरीद रक्षा मंत्रालय करता है, जबकि वे खुद के हथियार खरीदने में सक्षम हैं।
सिंह ने नई रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण को इस मामले को देखने को कहा है। उन्होंने कहा, 'केंद्रीय सश पुलिस बलों (सीएपीएफ) के लिए खरीद रक्षा मंत्रालय के माध्यम से की जाती है, लेकिन इसमें सीएपीएफ को प्राथमिकता नहीं है। इससे उनके लिए हथियारों और उपकरणों की खरीद में देरी होती है।'
राजनाथ सिंह यहां रक्षा क्षेत्र की सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा स्वदेश में विकसित उपकरणों को केंद्रीय सश पुलिस बलों को देने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही। इस अवसर पर रक्षामंत्री निर्मला भी उपस्थित थीं।
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गृह मंत्रालय के तहत आनेवाली सीएपीएफ में सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और सश सीमा बल शामिल है।
मंत्री ने कहा, "मैं उम्मीद करता हूं कि निर्मला जी इस मामले को देखेंगी। इसके कारण नुकसान हो रहा है। अन्यथा हमें एक अलग ढांचे की जरूरत (खरीद के लिए) पड़ सकती है।"
रक्षा क्षेत्र की सरकारी कंपनियों ने गुरुवार को स्वदेश तकनीक से विकसित कई उपकरण सौंपे, जिसमें बख्तरबंद बस, बुलेटप्रुफ जैकेट, मानवरहित उड़नेवाले वाहन (यूएवी) और छोटे हथियार शामिल हैं।
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बख्तरबंद बस का निर्माण मिश्रधातु निगम लिमिटेड ने किया, यूएवी का निर्माण हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लि. (एचएएल)। बुलेटप्रुफ जैकेट का निर्माण मिश्रधातु निगम ने किया, जिसे 'भाभा कवच' नाम दिया गया है।
इस बुलेटप्रुफ जैकेट का वजन 10 किलो हैं, जिसके बारे में मंत्री ने कहा कि इसका वजन कम करने की जरूरत है।
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Source : IANS