केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को निर्देश जारी करते हुए कहा कि आंतरिक सुरक्षा के मुद्दे पर चीन, ईरान और अफगानिस्तान जैसे कुछ देशों की एजेंसियों से सीधे तौर पर संपर्क नहीं करें। केंद्र ने कहा है कि कोई भी संवाद राष्ट्रीय सुरक्षा के हित के मार्फत ही होना चाहिए। सभी मुख्य सचिवों को हाल में इस बाबत गृह मंत्रालय ने पत्र भेजा है। मंत्रालय की तरफ से निर्देश दिया गया है कि राज्य पुलिस बलों को मंत्रालय से पूर्व सलाह के बगैर चिंता के विषय वाले देशों के संस्थानों या एजेंसियों के किसी भी आग्रह पर विचार करने या उसे आगे बढ़ाने के निर्देश नहीं दिए जाने चाहिए।
पत्र में लिखा गया, 'गृह मंत्रालय के संज्ञान में आया है कि चिंता के विषय वाले देशों के कुछ विदेशी संस्थान, एजेंसियां परस्पर सहयोग, प्रशिक्षण, संयुक्त अभ्यास, विचारों के आदान-प्रदान आदि के लिए गृह मंत्रालय के माध्यम से निमंत्रण भेजने की बजाए सीधे राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों को निमंत्रण भेज रहे हैं।'
मंत्रालय ने कहा कि वह इस बात को मानता है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कानून प्रवर्तन संबंधी सहयोग वांछित है, लेकिन राष्ट्र सुरक्षा के हित के लिहाज से विदेशी संस्थानों या एजेंसियों खासकर चिंता के विषय वाले देशों की संस्थाओं से संपर्क करते हुए सजग और जांचा-परखा रवैया अपनाने की जरूरत है।
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मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय सहयोग की प्रकृति जैसे फरेंसिक, विस्फोट, जांच, हथियारों एवं सुरक्षा उपकरणों की सरकारी खरीद से जुड़े अधिकारियों के प्रशिक्षण आदि के आधार पर सरकार ने केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की मदद से चिंता के विषय वाले विभिन्न देशों की पहचान की है।
Source : News Nation Bureau