केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) में साल 2016 से लेकर साल 2019 तक जारी राजनीतिक हिंसा (Political Violence) और उसके बाद डॉक्टरों के साथ हुई हिंसा पर ममता बनर्जी सरकार (Mamta Benerjee Government) से रिपोर्ट मांगी है. गृहमंत्रालय (MHA) ने इन घटनाओं पर ममता बनर्जी से पूछा है कि इन घटनाओें को रोकने के लिए राज्य सरकार ने अब तक क्या-क्या कदम उठाए हैं. केंद्र सरकार (Central Government) ने पश्चिम बंगाल सरकार के सवाल कि राजनीतिक हत्या के दोषियों को कानून के मुताबिक सजा देने के लिए अब तक क्या-क्या कदम उठाए गए हैं?
आपको बता दें कि बंगाल में शनिवार को भी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के 3 कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई थी. ये हत्या कांग्रेस और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच टकराव के बाद हुई थी. केंद्र सरकार ने पिछले कुछ सप्ताहों में जारी हिंसा राज्य में कानून व्यवस्था बनाये रखने और जनता में विश्वास कायम करने में राज्य के कानून प्रवर्तन तंत्र की नाकामी लगती है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने आम चुनाव के बाद भी पश्चिम बंगाल में जारी हिंसा पर गहरी चिंता प्रकट की.
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केंद्र सरकार ने पहले भी जताई थी चिंता
गृह मंत्रालय ने कहा है कि केंद्र बंगाल की स्थिति पर चिंतित है. पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही लगातार हिंसा हो रही है. इस वजह से लगता है कि राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह विफल हो गई है. केंद्र ने कहा है कि राज्य प्रशासन कानून-व्यवस्था बरकरार रखने में असफल रहा है. गृह मंत्रालय ने उन अधिकारियों को भी कड़ी सजा देने को कहा है जो अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर रहे हैं.
केंद्र सरकार की नोटिस के मुताबिक पश्चिम बंगाल सरकार को यह सुनिश्चित करने की पुरजोर सलाह दी गयी है कि कानून व्यवस्था, शांति और सार्वजनिक अमन चैन बनाये रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाये जायें. इसमें कहा गया है कि अपनी जिम्मेदारी निभाने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई का अनुरोध किया जाता है. गृह मंत्रालय के अनुसार ताजा रिपोर्ट इशारा करती हैं कि शनिवार को उत्तरी 24 परगना जिले में चुनाव बाद हुए संघर्ष में चार लोग मारे गये. एक अधिकारी ने परामर्श के हवाले से कहा कि इससे पहले भी पश्चिम बंगाल के अनेक हिस्सों में हिंसा और लोगों के मारे जाने की खबरें आई हैं.
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HIGHLIGHTS
- केंद्र सरकार की पश्चिम बंगाल सरकार पर नजरें टेढ़ी
- गृह मंत्रालय ने मांगी पश्चिम बंगाल हिंसा की रिपोर्ट
- साल 2016 से 2019 के बीच राजनीतिक हत्याओं पर मांगी रिपोर्ट