कोरोना के मामलों की रफ्तार अब कई राज्यों में तेजी से बढ़ने लगी है. कोरोना के मामले रिकॉर्ड तेजी से बढ़ रहे हैं. पिछले करीब एक सप्ताह से कोरोना के हर रोज मामले तीन लाख से अधिक सामने आ रहे हैं. केंद्र सरकार ने अब नई गाइडलाइन जारी करते हुए सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से संक्रमण की श्रृंखला तोड़ने के लिए जिला व क्षेत्रवार गहन, स्थानीय और केंद्रित कंटेनमेंट नेटवर्क की रणनीति पर काम करने को कहा. इसमें कहा गया है कि लॉकडाउन का फैसला लेने से पहले पूरी स्थिति का ध्यान रखा जाए. अगर लॉकडाउन लगाना ही आखिरी विकल्प हो तभी इस पर विचार किया जाए. इसका भी ध्यान रखा जाए कि क्या लॉकडाउन लगाने से संक्रमण की दर कम होगी.
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सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से एक संवाद में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कंटेनमेंट जोन संबंधी केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 25 अप्रैल को जारी किये गये परामर्श को दोहराते हुए कहा कि जिले के अधिकारियों को प्रतिबंध लागू करने की रणनीति के लिए संवेदनशील बनाना होगा और इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जनता के साथ जमीनी स्तर पर काम करने वाले पदाधिकारियों के बीच प्रसारित करना होगा.
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क्या है नई गाइडलाइन
-केंद्र की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि एक हफ्ते से ज्यादा संक्रमण दर 10 फीसदी हो और ऑक्सजीन सपोर्टेड या आईसीयू के 60 फीसदी बेड मरीजों से भर गए हों. ऐसे दशा में कम से कम 14 दिनों के लिए प्रतिबंध लागू करना होगा.
-एक बार कंटेनमेंट जोन की पहचान होने के बाद इलाके में क्या किया जाएगा, इसके भी निर्देश दिए गए हैं.
-नाइट कर्फ्यू - आवश्यक गतिविधियों को छोड़कर रात में मूवमेंट पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा. स्थानीय प्रशासन कर्फ्यू की अवधि तय करेगा.
-सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, त्योहार-संबंधी और अन्य समारोहों पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे.
-शादी में 50 और अंतिम संस्कार में 20 लोग इकट्ठा हो सकेंगे.
-शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मूवी थिएटर, रेस्तरां और बार, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, जिम, स्पा, स्विमिंग पूल और धार्मिक स्थान बंद रहेंगे.
-केवल आवश्यक सेवाएं सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में जारी रहनी चाहिए.
-रेलवे, महानगरों, बसों और कैब जैसी सार्वजनिक परिवहन अपनी क्षमता के अनुसार आधे से अधिक काम कर सकते हैं.
-आवश्यक वस्तुओं के परिवहन सहित राज्य के बाहर और राज्य के भीतर मूवमेंट पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा.
-कार्यालय अपने आधे कर्मचारियों के साथ कार्य कर सकते हैं.
-औद्योगिक और वैज्ञानिक प्रतिष्ठानों में समय-समय पर रैपिड एंटीजन टेस्ट होगा.