कथित जासूसी के मामले में दो लोगों समेत 13 नौसेना कमर्चारियों को गिरफ्तार किया गया है. इन लोगों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों ने सोशल मीडिया पर हनी ट्रैप के माध्यम से अपने जाल में फंसा लिया था. पुलिस ने इन सभी आरोपियों को मुंबई, कारवाड़ और विशाखापट्टनम समेत देश के कई नौसैनिक अड्डों से गिरफ्तार किया है. इन लोगों पर फेसबुक समेत अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल के माध्यम से भारतीय नौसेना की संवेदनशील जानकारी लीक करने का आरोप है.
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नौसेना के सूत्रों का कहना है कि गिरफ्तार किए गए नौसेना कर्मचारियों के सोशल मीडिया प्रोफाइल को खंगाला जा रहा है और इस बात की जांच की जा रही है कि उनके किन संदिग्ध लोगों से संबंध हैं. आंध्र प्रदेश पुलिस, नौसेना की खुफिया और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने संयुक्त रूप से कार्रवाई तब शुरू की, जब बीते दिसंबर में जासूसी मामले में शामिल 4 नौसेना कर्मियों को गिरफ्तार किया था. इस मामले की जांच कर रही आंध्र प्रदेश पुलिस को नौसेना की खुफिया इकाई पूरा सहयोग दे रही है.
नौसेना ने स्मार्टफोन और फेसबुक पर रोक लगा रखी है
नौसेना कर्मचारियों की ओर से सोशल मीडिया के दुरुपयोग की खबरें सामने आने के बाद भारतीय नौसेना ने अपने कर्मियों को फेसबुक जैसे सोशल मीडिया उपकरण और स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर सख्ती से रोक लगा दी है. हालांकि, इस तरह की पाबंदी सेना और वायुसेना ने अपने जवानों पर नहीं लगाई है. बीते कुछ महीने में सेना और वायुसेना में भी ऐसे मामले देखने को मिले हैं.
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पाबंदी से परिवारवालों से संपर्क करना मुश्किल
नौसेना के सूत्रों का कहना है कि स्मार्टफोन पर अचानक पाबंदी लगाने से कर्मचारियों के बीच खूब बहस छिड़ गई है. उन्हें अपने परिवारों से संपर्क करने में मुश्किलें आ रही हैं. नौसेना ने पुरानी 2जी वाले मोबाइल फोन के सीमित इस्तेमाल की अनुमति दी है, जो आसानी से जासूसों की पकड़ में आ जाती है.