आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने में लगातार उठाई जा रही आपत्ति पर भारत ने चीन से 'दुनिया की आवाज' सुनने को कहा है। भारत को उम्मीद है कि वो चीन को मसूद के मसले पर अपनी बात समझाने में उसे सफलता मिलेगी।
विदेश मंत्रालय के पिछले ढाई साल के कामकाज पर एक पत्रकारों को संबोधित करते हुए विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने कहा, 'चीन एक परिपक्व देश के तौर पर आतंकवाद पर पाकिस्तान के दोहरे रवैये को समझेगा।
अकबर ने कहा कि सभी सदस्य देश मसूद पर भारत के प्रस्ताव पर सहमत हैं लेकिन चीन इस मसले पर अलग राय रखता है। उन्होंने कहा, 'हमें उम्मीद है कि चीन आतंकवाद पर भारत ही नहीं बल्कि 'दुनिया की आवाज' सुनेगा।
विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर ने उम्मीद जताई है कि चीन अजहर के मसले पर अपने रुख में बदलाव लाएगा। उन्होंने कहा, 'अगर हम आतंकवाद के खतरे को नहीं समझेंगे तो इससे न केवल दूसरे देश प्रभावित होंगे बल्कि खुद को भी नुकसान पहुंचाने वाला होगा।'
पाकिस्तान का जिक्र करते हुए अकबर ने कहा कि पड़ोसी देश में अस्थिरता है और वह खुद अपनी करनी की सजा भुगत रहा है।
अजहर मसूद के मुद्दे पर चीन लगातार पाकिस्तान का समर्थन कर रहा है और संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रस्ताव पर आपत्ति दर्ज़ कर रहा है। चीन के अड़ंगों की वजह से मसूद को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित नहीं किया जा सका है।
भारत ने चीन के इस कदम की आलोचना भी की है और साथ ही संयुक्त राष्ट्र को भी आड़े हाथों लिया है।
Source : News Nation Bureau