कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती आज शुरू हो गई है. शुरुआती रुझानों के मुताबिक, कांग्रेस रेस में आगे है. वही भाजपा दूसरे नंबर पर बनी हुई है. कांग्रेस को 121 और बीजेपी को 79 सीटें मिलती दिख रही हैं. ये आंकड़े तेजी से ऊपर नीचे हो रहे हैं. इन सबके बीच कांग्रेस में खुशी का माहौल देखा जा रहा है, लेकिन एक तरफ कांग्रेस को डर है कि बहुमत से चूकने पर उनके विधायक प्रत्याशियों को तोड़ा जा सकता है.
कांग्रेस को 'हार्स ट्रेडिंग' की डर
सूत्रों की माने तो ऐसी खबर सामने आ रही है कि सभी उम्मीदवारों को बेंगलुरु शिफ्ट किया जा रहा है. कांग्रेस खुशी के बीच अपने सभी विधायक प्रत्याशियों को एकजुट करने में जुटी है. दूसरी ओर, दिल्ली से कर्नाटक कांग्रेस के नेता कॉन्टेक में हैं. आपको बता दें कि कांग्रेस हमेशा बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोक की आरोप लगाती रही है. ऐसे में डर है कि अगर वह बहुमत से चूक गए तो बीजेपी कांग्रेस नेताओं को खरीद सकती है. कांग्रेस को डर है कि बीजेपी कर्नाटक में सत्ता हासिल करने के लिए हॉर्स ट्रेडिंग का सहारा ले सकती है. वही सूत्रों की हवाले से खबर सामने है कि कांग्रेस ने दो प्लान बनाया है. इस प्लान के जरिए वो अपने दांव खेलने की तैयारी कर रही है.
यह खबर भी पढ़ें- शुरुआती रुझानों में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत, बीजेपी 100 से नीचे
आखिर ये 'हार्स ट्रडिंग' क्या होता है?
आपके मन में यह सवाल जरूर चल रहा होगा कि आखिर ये 'हॉर्स ट्रेडिंग' क्या है? आपको बता दें कि 'हॉर्स ट्रेडिंग' का मतलब है घोड़ों की बिक्री. इस शब्द का प्रयोग सबसे पहले कैम्ब्रिज डिक्शनरी में किया गया था.18वीं शताब्दी में व्यापारियों ने घोड़ों की बिक्री के समय इस शब्द का प्रयोग करना शुरू किया. इसके बाद से कई किस्से सामने आने लगे, जिन्हें राजनीति से जोड़ा जाने लगा. ऐसा माना जाता था कि 1820 के आसपास घोड़ों के व्यापारियों ने अच्छी नस्ल के घोड़े खरीदने के लिए जुगाड़ या चालबाजी शुरू कर दी थी, जिसे 'हॉर्स ट्रेडिंग' कहा जाना जाने लगा. ऐसे और भी कई किस्से हैं, जो जुड़े हुए हैं. आपको बता दें कि पिछले कुछ समय में भारत की राजनीति में इस शब्द का प्रयोग बढ़ने लगा है.
HIGHLIGHTS
- हॉर्स ट्रेडिंग का सहारा ले सकती है
- राजनीति में इस शब्द का प्रयोग बढ़ने लगा है
- उम्मीदवारों को बेंगलुरु शिफ्ट किया जा रहा है
Source : News Nation Bureau