कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को लेकर पूरी दुनिया की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं. दुनिया भर में 140 वैक्सीन पर काम चल रहा है लेकिन 19 वैक्सीन ऐसी हैं, जिनके क्नीनिकल ट्रायल चल रहे हैं. उम्मीद है कि साल के आखिर या फिर अगले साल की शुरुआत में दुनिया को ये वैक्सीन मिल जाएगी. कोरोना वैक्सीन तैयार होने के बाद भारत के हर हिस्से तक पहुंचाना भी बड़ी चुनौती होगा. सरकार ने कोरोना की वैक्सीन को देश के हर कोने में पहुंचाने के लिए अभी से प्लानिंग करनी शुरू कर दी है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार अलग-अलग स्तर पर अलग-अलग एजेंसियों से बातचीत कर रही है.
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कोल्ड स्टोरेज बनाने की तैयारी
जानकारी के मुताबिक भारत में भारतीय अधिकारियों ने लॉजिस्टिक्स से लेकर वैक्सीन के सप्लाई पर चर्चा शुरू कर दी है. दावा किया जा रहा है कि अगले साल की शुरुआत से पहले कोई न कोई वैक्सीन जरूर आ जाएगी. वैक्सीन को लेकर फिलहाल इंटरनल विचार-विमर्श शुरू हो गया है ताकि हम पूरी तरह से तैयार हों. दरअसल ये सारी कवायद आखिरी मौके पर किसी भी परेशानी से बचने के लिए है. मीटिंग में जिन चीज़ों पर मुख्त तौर पर बातचीत हो रही है वो है उत्तर पूर्वी भारत जैसे दूरदराज के क्षेत्रों में वैक्सीन के डिस्ट्रीब्यूशन का काम. उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर कोल्ड स्टोरेज सुविधाएं तैयार करने का प्लान तैयार कर रही है.
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किसे दी जाए वैक्सीन की पहली डोज?
वैक्सीन को लेकर इस बात की भी चर्चा की जा रही है कि इसे सबसे पहले किसे दिया जाए. क्या ये सिर्फ सरकारी अस्पतालों के जरिए से दिया जाना चाहिए या फिर प्राइवेट अस्पतालों को भी शामिल किया जाना चाहिए. सरकारी अधिकारी इस मुद्दे पर भी चर्चा कर रहे हैं कि वैक्सीन की डोज़ पहले किसको दी जाएगी? फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर या फिर देश के बुजुर्गों को. इन मुद्दों को लेकर लगातार चर्चा की जा रही है.
Source : News Nation Bureau