DCGI (ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया) ने रविवार को कोवैक्सीन (Covaxine) और कोविशील्ड (Covishield) को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी. जिसके बाद ही अब दोनों कंपनियां अपनी-अपनी वैक्सीन की गुणवत्ता को लेकर आमने-सामने हैं. भारत बायोटेक (BharatBiotech) अपनी कोवैक्सीन को कोरोनावायरस पर प्रभावशाली बता रहा है तो Serum Institute का दावा है कि उनकी वैक्सीन कोविडील्ड बेहतर है. बता दें कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की मंगलवार शाम 4 बजे एक अहम बैठक होने जा रही है, जिस पर सभी की निगाहें टिकी होंगी.
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वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के बाद विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है. विपक्ष ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि कोरोना वायरस वैक्सीन को हड़बड़ी में मंजूरी दी गई है. वैक्सीन पर जारी सियासत के बीच भारत बायोटेक के चेयरमैन और एमडी डॉ. कृष्णा एल्ला ने अपना पक्ष रखा है. एल्ला ने कहा है कि वैक्सीन पर सियासत हो रही है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग हमारी वैक्सीन के बारे में गॉसिप कर रहे हैं लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए. हम सिर्फ एक भारतीय कंपनी नहीं बल्कि एक ग्लोबल कंपनी हैं.
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डॉ. कृष्णा ने कहा, ''एक कंपनी ने मुझे पानी के रूप में ब्रांड किया है. एक वैज्ञानिक के तौर पर ये बहुत कष्टदायक है. हम लोगों के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए. ब्रिटेन में हो रहे ट्रायल्स पर कोई भी सवाल क्यों नहीं उठा रहा है? इसका सीधा-सा जवाब ये है कि भारत में होने वाले ट्रायल्स पर रोक लगाना आसान है. एम्स (दिल्ली) के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने Covaxin को एक "बैकअप" बताया था. इस पर डॉ. कृष्णा ने कहा, "मुझे समझ नहीं आ रहा है कि 'बैकअप' क्या है." मनुष्यों के लिए कोई बैकअप नहीं होता और न ही वायरस के लिए कोई बैकअप होता है। मुझे कोई गेट्स फाउंडेशन का कोई पैसा नहीं मिला है। हमने जोखिम उठाया और 2 करोड़ खुराक बनाई हैं.''
Source : News Nation Bureau